Bijnor Politics: किसने दी सांसद चंद्रशेखर आजाद को जान से मारने की धमकी, पुलिस अलर्ट

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को जान से मारने की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 2 July 2025, 5:38 PM IST
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Bijnor: आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को जान से मारने की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया है। यह धमकी पार्टी के हेल्पलाइन नंबर पर व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए दी गई, जिसमें उन्हें "दस दिनों के भीतर खत्म कर देने" की चेतावनी दी गई है। धमकी मिलने की जानकारी पुलिस को दी गई, जिसके बाद मामला गंभीरता से लिया गया और अज्ञात शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,   पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस घटनाक्रम के बाद नगीना थाने पहुंचकर जोरदार नारेबाजी की और सांसद की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। घटना की तहरीर परवेज़ पाशी पुत्र अनीसउल हसन निवासी मोहल्ला लाल सराय, नगीना द्वारा थाना प्रभारी को सौंपी गई, जिसमें स्पष्ट किया गया कि धमकी पार्टी के अधिकृत हेल्पलाइन व्हाट्सएप नंबर 9667186267 पर 7524989974 से भेजी गई। आरोपी की प्रोफाइल में लिखा था – "जय भवानी जय राजपूत", जिससे यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है।

एफआईआर में बताया गया है कि धमकी देने वाले ने सांसद को दस दिन के भीतर उड़ाने की बात कही है। यह कॉल 29 जून 2025 को किया गया, जो पार्टी कार्यालय के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गया। परवेज पाशी की ओर से दी गई तहरीर में मांग की गई है कि ऐसे मामले में सुसंगत धाराओं के तहत तत्काल कार्रवाई की जाए और आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया जाए।

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान बढापुर विधानसभा के उपाध्यक्ष नपेन्द, नगर प्रभारी जान सिंह, युवा नगर अध्यक्ष मोहम्मद जावेद, अहमद हसन, आफताब अली, अरविंद कुमार और नौशाद सहित पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता थाने पर मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह धमकी न केवल सांसद की जान को खतरे में डालने का प्रयास है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और दलित समाज की आवाज को दबाने की साजिश भी हो सकती है।

इस मामले पर बिजनौर पुलिस का कहना है कि सभी बिंदुओं की गहराई से जांच की जा रही है और धमकी देने वाले मोबाइल नंबर की टेक्निकल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और प्रोफाइल की जांच की जा रही है। पुलिस की साइबर सेल और खुफिया एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।

गौरतलब है कि चंद्रशेखर आजाद पिछले कुछ वर्षों में दलित अधिकारों, सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा के लिए मुखर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें पहले भी कई बार धमकियां मिल चुकी हैं। लेकिन इस बार की धमकी में स्पष्ट समयसीमा और उकसाने वाली भाषा ने पूरे मामले को गंभीर बना दिया है। पुलिस प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों से अब अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करें ताकि जन प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और जनता का लोकतंत्र पर भरोसा कायम रहे।

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