

बिजनौर जिले के नूरपुर तहसील में तीन महीने पहले बच्चे की चोरी होने के बाद, पुलिस ने आखिरकार उसे बरामद कर लिया। बच्चे की माँ-बाप को उनके खोए हुए बच्चे की किलकारी फिर से सुनाई दी। आरोपी डॉक्टर और अन्य दो पर मुकदमा दर्ज किया गया।
नवजात शिशु बरामद खिल उठी मां
Bijnor: उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर के नूरपुर तहसील का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में डाला है, बल्कि उस दर्द और ग़म को भी उजागर किया है जो एक मां और पिता के लिए सहन करना कितना कठिन हो सकता है। यहां एक बच्चा चोरी हो गया था, लेकिन अब उसे तीन महीने बाद उसकी मां की गोद में लौटा दिया गया है।
13 मई 2023 को नूरपुर के एक निजी अस्पताल, एस आर हेल्थ केयर में रुक्मेश ने एक बेटे को जन्म दिया। मगर, जैसे ही नवजात शिशु को जन्म हुआ, अस्पताल ने उसे मां से छीन लिया। बच्चा बिन बताये गायब हो गया और रुक्मेश को महीनों तक उसका चेहरा भी नहीं दिखाया गया। अस्पताल प्रशासन की तरफ से यह कहा गया कि बच्चा किसी कारणवश गंभीर रूप से बीमार था और उसका इलाज किया जा रहा था।
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मगर रुक्मेश और उनकी पत्नी को हमेशा से इस बात का शक था कि कुछ गड़बड़ है। इस कठिन समय में बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने इस दंपत्ति की मदद की और उनका हौसला बढ़ाया। इस मामले को लेकर जब जनता की मदद और कुछ राजनीतिक दबाव पड़ा, तो पुलिस ने जांच में तेजी दिखाई।
बिजनौर में 3 महीने बाद एक मां की गोद फिर से अपने बच्चे से भर गई। नूरपुर के एक निजी अस्पताल से चोरी हुआ बच्चा आखिरकार पुलिस ने बरामद कर लिया और मां-बाप को सौंप दिया। पुलिस ने डॉक्टर और दो अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर… pic.twitter.com/YOFWQysiVh
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 24, 2025
बिजनौर पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की। जांच के बाद पुलिस को पता चला कि एस आर हेल्थ केयर अस्पताल के डॉक्टर के साथ-साथ दो अन्य लोग इस साजिश में शामिल थे। पुलिस ने अस्पताल के कर्मचारियों की कड़ी पूछताछ की, और 3 महीने बाद इस मामले को सुलझाया। अंत में, पुलिस ने नवजात शिशु को बरामद किया और उसे उसकी मां रुक्मेश को सौंप दिया।
बिजनौर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कानूनी कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इन आरोपियों में डॉक्टर और अस्पताल के दो अन्य कर्मचारियों का नाम सामने आया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
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बच्चे को वापस पाकर रुक्मेश और उनकी पत्नी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने कहा, "हमने कई महीने तक अपने बच्चे को नहीं देखा। हम थक चुके थे, परंतु अब हमारी मेहनत रंग लाई है। हमें पूरा विश्वास था कि एक दिन हमें न्याय मिलेगा और आज वो दिन आ गया।" रुक्मेश और उनकी पत्नी ने कहा कि उन्हें पुलिस और नेताओं से जो मदद मिली, उस पर वे आभारी हैं। अब उनका बच्चा स्वस्थ है और वे अपनी जिंदगी के सबसे सुखद पल जी रहे हैं।