

उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में मंगलवार को जमीन अधिग्रहण करने पहुंची प्रशासन की टीम को ग्रामीणों ने खदेड़कर वापस भेज दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
चंदौली: जनपद में मंगलवार को एक बड़ा बवाल देखने को मिला। फ्रेट विलेज योजना के लिये जमीन अधिग्रहण करने पहुंची प्रशासन की टीम को ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया और बाद में पूरी टीम को खदेड़कर वापस बैरंग भेज दिया। जेसीबी लेकर पहुंची प्रशासन की टीम को लौटना पड़ा
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक नगर एसडीएम, बीडीओ, तहसील प्रशासन समेत पुलिस टीम को ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा।
सरकार जमीन का अधिग्रहण
ग्रामीणों की आक्रोश की जानकारी होते ही सपा राष्ट्रीय सुरक्षा मनोज काका भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रामीणों का पुलिसिया दमन किया जा रहा है और बिना उचित मुआवजा दिये सरकार जमीन का अधिग्रहण कर रही है।
मुआवजा कोर्ट में जमा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील क्षेत्र के मिल्कीपुर और ताहिरपुर गांव की जमीन को 2018 में गंगा में बने बंदरगाह परियोजना के तहत फ्रेट विलेज के लिये चयनित किया गया था। ग्रामीणों ने भूमि अधिग्रहण का मुआवजा लेने से भी इंकार किया था। ग्रामीणों के इंकार और विरोध के बाद चार गुना मुआवजा कोर्ट में जमा कराया गया था।
प्रशासन गांव की जमीन को खाली
सरकार द्वारा गांव के लोगों को आपत्ति के लिए पर्याप्त समय दिया गया। समय सीमा पूरी होने के बाद तहसील प्रशासन गांव की जमीन को खाली करवा रहा है और इसके लिये ही टीम मंगलवार को यहां भूमि अधिग्रहण के लिये पहुंची थी।
चार गुना मुआवजा देने की मांग
सपा प्रवक्ता मनोज सिंह काका का आरोप का आरोप है कि पुलिसिया दमन के सहारे और बिना मुआवजा दिए ही सरकार जमीन का अधिग्रहण कर रही है। उन्होंने किसानो को जमीन का बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा देने की मांग सरकार से की है।
ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए एसडीएम ने ग्रामीणों को कुछ दिन की मोहलत दी है। एसडीएम ने कहा कि ग्रामीण कोर्ट में अपनी आपत्ति दाखिल करें। उन्होंने कहा कि मुआवजा कोर्ट में जमा किया जा चुका है।
इससे पहले भी सोमवार को भी जमीन खाली कराने पहुंची तहसील प्रशासन और बंदरगाह प्रशासन की टीम को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था।