शौचालय घोटाले में बड़ा खुलासा! टेंगरी गांव के प्रधान से लाखों की होगी वसूली

गोरखपुर के टेंगरी गांव में शौचालय निर्माण के मामले में बड़ी लापरवाही बरती गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

गोरखपुर: बांसगांव तहसील के उरूवां ब्लॉक अंतर्गत टेंगरी गांव में स्वच्छ भारत अभियान (पूर्व में निर्मल भारत अभियान) के तहत शौचालय निर्माण में बड़े पैमाने पर धांधली और सरकारी धन के गबन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। तत्कालीन ग्राम प्रधान राजकपूर पर 7.72 लाख रुपये के गबन का आरोप सिद्ध होने के बाद जिला प्रशासन ने उनसे 3.86 लाख रुपये की वसूली का आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई वर्षों चली जांच और कानूनी प्रक्रिया के बाद मंडलायुक्त न्यायालय द्वारा अपील खारिज होने के फलस्वरूप हुई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  शिकायत और जांच की शुरुआतटेंगरी गांव के निवासी अवधेश पाण्डेय, पुत्र स्वर्गीय दयाशंकर पाण्डेय, ने जिलाधिकारी गोरखपुर को शपथपत्र देकर तत्कालीन ग्राम प्रधान राजकपूर के खिलाफ शौचालय निर्माण में अनियमितता और सरकारी धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज की थी। शिकायत के आधार पर 2 जुलाई 2016 को जिलाधिकारी ने चार सदस्यीय समिति गठित कर जांच के आदेश दिए। समिति ने 25 जुलाई 2016 को गहन जांच की और 23 नवंबर 2016 को अपनी रिपोर्ट सौंपी।जांच में चौंकाने वाले खुलासेजांच रिपोर्ट के अनुसार, टेंगरी गांव में 200 शौचालयों के लिए लाभार्थियों को धन आवंटित किया गया था, लेकिन:केवल 63 शौचालय पूर्ण पाए गए।77 शौचालय अधूरे थे।48 शौचालयों का निर्माण शुरू ही नहीं हुआ।

कई लाभार्थी जांच के दौरान मौके पर नहीं मिले और बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।जांच में ग्राम प्रधान राजकपूर द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की राशि का दुरुपयोग और शौचालय निर्माण में गंभीर लापरवाही सामने आई।

कुल 7,72,800 रुपये के गबन की पुष्टि हुई, जिसमें से ग्राम प्रधान राजकपूर के हिस्से की राशि 3,86,400 रुपये निर्धारित की गई।जिलाधिकारी का सख्त आदेशप्रदेश सरकार की जनहितकारी योजना को लागू करने में अनियमितता और गबन के गंभीर आरोपों के बाद, जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर ने 3 अप्रैल 2017 को आदेश संख्या-25 जारी कर ग्राम प्रधान राजकपूर से 3,86,400 रुपये की वसूली का निर्देश दिया।

यह राशि भू-राजस्व बकाए की तरह वसूलने के लिए एसडीएम बांसगांव को जिम्मेदारी सौंपी गई, साथ ही जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) को 15 दिनों में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया।ग्राम प्रधान की अपील खारिज ग्राम प्रधान राजकपूर ने जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ मंडलायुक्त गोरखपुर के न्यायालय में वाद संख्या 834/2017 (कंप्यूटरीकृत वाद संख्या C2017500834) के तहत अपील दायर की।

हालांकि, मंडलायुक्त न्यायालय ने 8 अगस्त 2024 को उनकी अपील को बलहीन पाते हुए खारिज कर दिया। इसके बाद जिला पंचायत राज अधिकारी निलेश प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी के मूल आदेश (3 अप्रैल 2017) के अनुसार कार्रवाई को पुनः लागू करने का निर्देश जारी किया।

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