

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की एक विशेष अदालत ने 15 साल पुराने डबल मर्डर के केस में बाहुबली नेता धनंजय सिंह को बरी कर दिया। एडीजे की अदालत ने पूर्व सांसद सहित सभी पांच लोगों को बरी कर दिया गया है।
बाहुबली नेता धनंजय सिंह (फाइल फोटो)
Jaunpur: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की एक विशेष अदालत ने 15 साल पुराने डबल मर्डर के केस में बाहुबली नेता धनंजय सिंह को बरी कर दिया। एडीजे प्रथम एमपी सिंह की अदालत ने पूर्व सांसद सहित सभी पांच लोगों को बरी कर दिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक गुरुवार को एडीजे प्रथम की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए धनंजय सिंह सहित चारों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। 1 अप्रैल 2010 को ठेकेदारी के विवाद में केराकत कोतवाली क्षेत्र के बेलाव घाट के पास ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। इसमें गोली लगने से नंदलाल निषाद और संजय निषाद की मौत हो गई थी।
दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड में तत्कालीन बसपा सांसद धनंजय सिंह, पुनीत सिंह, आशुतोष सिंह समेत 4 लोगों को आरोपी बनाया गया। विवेचना के बाद पुलिस ने सभी को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद सीबीसीआईडी ने जांच शुरू कर दी। सीबीसीआईडी ने जांच के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।
क्या है पूरा मामला
सरकारी वकील लाल बहादुर पाल के अनुसार, मामला 1 अप्रैल 2010 का है, जब केराकत थाना क्षेत्र के बेलवा घाट पर कथित तौर पर एक ठेका विवाद को लेकर संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उस समय बसपा सांसद रहे धनंजय सिंह, आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह और दो अन्य को आरोपी बनाया गया था। हालांकि पुलिस ने शुरुआत में सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन बाद में सीबीसीआईडी ने अपनी जांच के बाद उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी।
धनंजय सिंह ने बताया राजनीतिक द्वेष
पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कोर्ट से बाहर निकलते के बाद धनंजय सिंह ने कहा कि दोहरे हत्याकांड में उनका कोई हाथ नहीं था। उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया। कोर्ट ने न्याय करते हुए सभी को बरी किया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक दोहरे हत्याकांड में आरोपी बनाये गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगियों के केस में गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला आना था। फैसले को लेकर सुबह से ही कोर्ट परिसर में लोगों का जमावड़ा देखा गया। पूर्व सांसद को सजा होगी या बरी होंगे इस पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई थी।