

जनपद गोरखपुर में संगठित अपराध पर कड़ी कार्रवाई करते हुए न्यायालय ने गैंगस्टर एक्ट के अभियुक्त को दोषी पाते हुए सात वर्ष का कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह निर्णय वर्ष 2018 में थाना खोराबार में दर्ज एक गंभीर मुकदमे में आया है पढिए पूरी खबर
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के जनपद गोरखपुर में संगठित अपराध पर कड़ी कार्रवाई करते हुए न्यायालय ने गैंगस्टर एक्ट के अभियुक्त को दोषी पाते हुए सात वर्ष का कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह निर्णय वर्ष 2018 में थाना खोराबार में दर्ज एक गंभीर मुकदमे में आया है, जिससे अपराध जगत में सनसनी फैल गई है।
क्या है पूरा मामला
मामले के अनुसार, थाना खोराबार क्षेत्र में वर्ष 2018 में अभियुक्त मोहम्मद सरफराज अहमद उर्फ गोलू पुत्र शमीउल्लाह अंसारी, निवासी तुर्कमानपुर थाना राजघाट, के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया था। पुलिस की प्रभावी विवेचना और लगातार पैरवी के चलते मामले में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। परिणामस्वरूप मा0 न्यायालय UPSEB/गैंगस्टर कोर्ट गोरखपुर ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए सात वर्ष का साधारण कारावास तथा 5,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
न्यायालय ने अपराधियों को कड़ा संदेश
अभियुक्त को यह सजा उस अवधि को समायोजित करते हुए सुनाई गई, जो उसने अब तक जेल में बिताई है। इस प्रकार न्यायालय ने अपराधियों को कड़ा संदेश देते हुए साफ कर दिया कि समाज में संगठित अपराध और गैंगस्टर प्रवृत्ति को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह सफलता उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत लंबित मुकदमों में अभियुक्तों को न्यायालय से सजा दिलाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन में विवेचक निरीक्षक रवि राय, थाना पैरोकार एवं मॉनिटरिंग सेल ने बेहद प्रभावी पैरवी की। वहीं, अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी श्री घनश्याम सिंह का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिनकी कड़ी मेहनत और सशक्त तर्कों के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को कठोर दंड दिया।
अपराधियों के मनोबल को तोड़ने वाला साबित
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला अपराधियों के मनोबल को तोड़ने वाला साबित होगा। अपराधी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच पाना संभव नहीं है। लगातार हो रही इन कानूनी कार्यवाहियों से जिले में अपराधियों में भय का माहौल है, वहीं आम जनता में सुरक्षा और विश्वास की भावना मजबूत हुई है। इस प्रकार गोरखपुर पुलिस और अभियोजन टीम की संयुक्त मेहनत से न्यायालय का यह ऐतिहासिक फैसला न केवल एक गैंगस्टर को उसके अपराध की सजा दिलाने वाला है, बल्कि आने वाले समय में संगठित अपराध पर निर्णायक चोट भी साबित होगा।
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