

बलरामपुर में जिला प्रशासन ने छागुर बाबा की करीबी नीतू की तीन करोड़ की कोठी पर कार्रवाई की है। धर्मांतरण के धंधे का अड्डा मानी जाने वाली इस कोठी को ध्वस्त कर दिया गया है।
छांगुर बाबा (सोर्स-गूगल)
Balrampur: जिला प्रशासन ने मंगलवार को धर्मांतरण के कुख्यात मास्टरमाइंड जमालुद्दीन शाह उर्फ छागुर बाबा की करीबी नीतू उर्फ नसरीन के आलीशान ठिकाने पर बुलडोजर चलाकर सनसनी मचा दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नीतू की यह कोठी तीन बीघे में फैली थी, जिसकी कीमत करीब तीन करोड़ रुपये आंकी गई। यहीं से छागुर बाबा अपना अवैध धर्मांतरण का धंधा संचालित करता था।
प्रशासन ने नोटिस चस्पा किया
दरअसल, सोमवार को प्रशासन ने कोठी पर नोटिस चस्पा किया था। मंगलवार सुबह एसडीएम और सीओ के नेतृत्व में भारी पुलिस बल और तीन बुलडोजर मौके पर पहुंचे। कोठी का गेट ताला बंद मिला। बंधकों की आशंका के चलते पुलिस ने ताला तोड़कर हर कमरे की गहन तलाशी ली। इसके बाद अवैध निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।
यह कोठी छागुर बाबा का गढ़ थी, जहां से वह अपने काले कारनामों को अंजाम देता था। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोग इसे अवैध गतिविधियों पर बड़ा प्रहार मान रहे हैं। पुलिस अब नीतू और छागुर बाबा के अन्य ठिकानों की जांच में जुट गई है।
अंगूठी बेचने से शुरू किया सफर
बलरामपुर के रेहरामाफी गांव का रहने वाला छांगुर, पहले अंगूठी और नग बेचता था। फिर उसने 2015 में पंचायत चुनाव जीता और धीरे-धीरे सियासी ताकत बढ़ाई। इसके बाद धर्मांतरण की साजिश शुरू की और बेटे महबूब को राजनीति में आगे बढ़ाने की तैयारी करने लगा।
लग्जरी गाड़ियों का शौकीन
बाबा छांगुर भले ही कीपैड मोबाइल रखता था, लेकिन उसके पास लग्जरी गाड़ियों का काफिला था। उसका साथी नवीन गाड़ियों का इंतजाम करता था और नीतू हमेशा साथ रहती थी। छांगुर की आलीशान कोठी उतरौला के मधपुर में बनी, और वह गांव में भी नया मकान बनवा रहा था। एटीएस की रिपोर्ट के मुताबिक छांगुर और उसके गिरोह के सदस्य 40 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। 40 से ज्यादा बैंक खाते, कई संदिग्ध लेन-देन और देशभर में नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
धर्म परिवर्तन की आड़ में इस्लामिक संगठनों में पैठ
छांगुर बाबा नागपुर के इस्लामिक नेटवर्क से जुड़कर स्वयं को सूफी और पीर बाबा घोषित कर चुका था। उसकी नजर उतरौला की एक प्रमुख मजार पर थी, जिसे वह कब्जे में लेना चाहता था। इसके लिए उसने मुस्लिम धर्म गुरुओं से भी संबंध बढ़ाए। धर्मांतरण के लिए छांगुर लोगों को अंगूठी देकर प्रभावित करता था। वह दावा करता था कि इससे नौकरी में तरक्की और सुख-समृद्धि मिलेगी। उसकी सादगी भरी वेशभूषा और चालाकी से वह अधिकारियों तक को भ्रमित कर देता था।
सितंबर 2024 में दर्ज एफआईआर के बाद एटीएस ने जांच तेज की। 8 अप्रैल को बेटे और सहयोगी की गिरफ्तारी के बाद 5 जुलाई को छांगुर और नीतू को गिरफ्तार कर लिया गया। अब मामले में एनआईए भी पूछताछ करेगी और नेपाल बॉर्डर पर नेटवर्क की जांच कर रही है।