

बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने वाली और दिल तोड़ देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मां अपने पति की तेरहवीं की रस्मों को पूरा कर रही थी, तभी उसी दिन उसकी बेटी प्रेमी के साथ घर से भाग गई। यह घटना न केवल एक परिवार के मातम को और गहरा कर गई, बल्कि एक मां की परवरिश, भरोसे और उम्मीद पर भी करारा प्रहार कर गई।
बाराबंकी से हैरान कर देने वाला मामला
Barabanki: बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने वाली और दिल तोड़ देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मां अपने पति की तेरहवीं की रस्मों को पूरा कर रही थी, तभी उसी दिन उसकी बेटी प्रेमी के साथ घर से भाग गई। यह घटना न केवल एक परिवार के मातम को और गहरा कर गई, बल्कि एक मां की परवरिश, भरोसे और उम्मीद पर भी करारा प्रहार कर गई।
घटना 1 अगस्त की है। मसौली कस्बे की निवासी रामरानी के पति का हाल ही में निधन हो गया था। तेरहवीं के दिन रिश्तेदार और परिचितों का जमावड़ा था। शोकसभा और भोज की तैयारियाँ चल रही थीं। पूरा परिवार पिता की आत्मा की शांति के लिए आयोजन में व्यस्त था, लेकिन इस शोक और संवेदना के माहौल में एक साजिश चुपचाप आकार ले रही थी।
बताया जा रहा है कि रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र के सनौली गांव निवासी हिमांशु कश्यप नाम का युवक, जो खुद को परिवार का करीबी बता रहा था, उस दिन भोज में शामिल हुआ था। लेकिन उसका मकसद भोजन करना नहीं, बल्कि परिवार की इज्जत और भरोसे को तार-तार करना था।
रामरानी ने बताया कि दोपहर बाद जब घर की हलचल कुछ कम हुई, तो उनकी बेटी घर से नदारद मिली। पहले तो सभी रिश्तेदारों ने आसपास तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच हिमांशु का भी पता नहीं चल पा रहा था। जब शक गहराया, तो हिमांशु को फोन किया गया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था। उसकी मां का फोन भी बंद बताने लगा। स्थिति साफ हो गई कि बेटी उसी के साथ चली गई है।
घटना से आहत रामरानी ने मसौली थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि अब तक न तो लड़की का पता चल पाया है और न ही हिमांशु का। लेकिन इस घटना ने उस मां को अंदर से तोड़ दिया, जो पति के गुजरने के बाद अपनी बेटी को ही जीवन का सहारा मान बैठी थी।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया है। लोग दुखी मां की हालत को देख कर सहानुभूति जता रहे हैं। तेरहवीं जैसे शोक के अवसर पर इस तरह की घटना न केवल सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ती है, बल्कि परिवार के मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी बुरी तरह प्रभावित करती है।
अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और कब तक बेटी को तलाश पाती है। फिलहाल, रामरानी और उसका परिवार गहरे सदमे में हैं, और उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शायद बेटी वापस लौट आए और जीवन फिर से पटरी पर आ सके।