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जहांगीराबाद क्षेत्र के मंझपुरवा चौराहे के पास स्थित बाग में हरे-भरे आम के पेड़ों पर आरा चलाकर हरियाली मिटाई जा रही है। किसान नेता का आरोप है कि पुलिस और वन विभाग की… पढ़ें पूरी खबर
जहांगीराबाद में हरे पेड़ों की कटाई से हड़कंप
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद के जहांगीराबाद क्षेत्र के मंझपुरवा चौराहे के पास स्थित बाग में हरे-भरे आम के पेड़ों पर आरा चलाकर हरियाली मिटाई जा रही है। किसान नेता का आरोप है कि पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत के चलते लकड़ी माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। दिन-रात ट्रैक्टर-ट्राली से लकड़ी भयारा तक पहुंचाई जा रही है, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
जहांगीराबाद पुलिस का कहना है कि लकड़ी ठेकेदार ने दस कलमी पेड़ों की कटान की अनुमति ली है। वहीं लकड़ी ठेकेदार ने बताया कि 10 पेड़ों का परमिट लिया है, मेरा कुछ नहीं होगा। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि मौके पर छोटे नहीं बल्कि बड़े और हरे-भरे दरख्त पेड़ काटे जा रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अनुमति की आड़ में दर्जनों पेड़ उजाड़ दिए गए हैं।
जनता में गुस्सा, पर्यावरण पर संकट
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि सरकार एक ओर हरियाली बचाने और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर हरे पेड़ों की कटाई से पर्यावरण पर संकट गहराता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं देते बल्कि गर्मी और प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में हरियाली का इस तरह नष्ट होना आने वाली पीढ़ियों के लिए खतरे की घंटी है।
किसान संगठन ने उठाई आवाज
जनकल्याण किसान एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष ने पेड़ों की अवैध कटाई पर कड़ा विरोध जताया है। वन विभाग व पुलिस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई और हरे पेड़ों की कटाई पर रोक नहीं लगी, तो संगठन संबंधित के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाली बचाना सिर्फ किसानों का ही नहीं बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य है।
प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग
उन्होंने जिलाधिकारी और उच्चाधिकारियों से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और पुलिस व वन विभाग की भूमिका की भी पड़ताल हो। उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन बिगड़ जाएगा और किसान समुदाय को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। आस पास के लोगों का कहना है कि यदि अवैध कटाई पर लगाम नहीं लगी तो जल्द ही गांवों से हरियाली खत्म हो जाएगी और गर्मी व प्रदूषण की मार और बढ़ जाएगी।
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