

गुरुवार को रामनगर तहसील क्षेत्र के पांडेयपुर बाढ़ शरणालय के पास सरयू नदी के तट पर मॉक ड्रिल आयोजित कर राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों को परखा गया।
सरयू नदी के तट पर बड़ी तैयारी
बाराबंकी: बाराबंकी जिले में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। गुरुवार को रामनगर तहसील क्षेत्र के पांडेयपुर बाढ़ शरणालय के पास सरयू नदी के तट पर मॉक ड्रिल आयोजित कर राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों को परखा गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आपात स्थिति में राहत कार्यों की क्षमता का मूल्यांकन करना था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मॉक ड्रिल की शुरुआत उस वक्त हुई जब अनाउंसमेंट किया गया कि हेतमापुर के पास सरयू नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है और दो युवक तेज बहाव में बह गए हैं। इस पर तुरंत एसडीएम विवेकशील यादव और तहसीलदार विपुल सिंह, पीएसी की फ्लड कंपनी के साथ मौके पर पहुंचे। फ्लड कंपनी के जवानों ने स्टीमर बोट की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
तट पर पहले से तैयार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवकों को बेहोशी की हालत में तुरंत चिकित्सा शिविर पहुंचाया, जहां डॉ. प्रदीप यादव की देखरेख में प्राथमिक उपचार किया गया। इस पूरी कार्यवाही को देखने के लिए स्थानीय ग्रामीणों की बड़ी संख्या मौके पर मौजूद रही। फायर ब्रिगेड की टीम ने भी शरणालय के सामने आग लगने की आपात स्थिति में रिहर्सल किया। सायरन बजाते हुए दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची, आग बुझाई और झुलसे युवक को स्ट्रेचर पर लेकर त्वरित इलाज के लिए ले जाया गया। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाकर स्थिति सामान्य की।
एसडीएम विवेकशील यादव ने जानकारी दी कि मॉक ड्रिल में यह परखा गया कि बाढ़ जैसी आपदा आने पर किस तरह राहत और बचाव कार्यों को अंजाम दिया जाएगा और लोगों की जान-माल की रक्षा की जा सकेगी। सूरतगंज सीएचसी के अधीक्षक डॉ. राजर्षि त्रिपाठी ने लोगों को जलजनित बीमारियों से बचाव की जानकारी दी। वहीं जिला आपदा प्रबंधन टीम ने लाइफ जैकेट, मोटर बोट और नाव जैसे संसाधनों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया। इस मौके पर सीओ जगत कनौजिया, नायब तहसीलदार विजय प्रताप, बीडीओ देवेंद्र प्रताप सिंह, बीडीओ संजय रॉय, डॉ. प्रणव श्रीवास्तव, पशु चिकित्साधिकारी सुजीत सचान समेत राजस्व विभाग, नाविक और गोताखोरों की पूरी टीम मौजूद रही।