

देवा मेला महोत्सव अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग उठाई है कि मेला अपने पूर्व गौरव को पुनः प्राप्त करे और बड़े कलाकारों को एक बार फिर मंच पर बुलाया जाए। हाल ही में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में नगर पंचायत अध्यक्ष हारून वारसी सहित अन्य प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया।
देवा महोत्सव
Barabanki: इस वर्ष देवा मेला महोत्सव अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग उठाई है कि मेला अपने पूर्व गौरव को पुनः प्राप्त करे और बड़े कलाकारों को एक बार फिर मंच पर बुलाया जाए। हाल ही में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में नगर पंचायत अध्यक्ष हारून वारसी सहित अन्य प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया।
अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि शताब्दी वर्ष के अनुरूप भव्य आयोजन किया जाएगा। ज्ञात हो कि वर्ष 1925 में गठित देवा महोत्सव एवं प्रदर्शनी समिति के आयोजन में समय-समय पर जगजीत सिंह, गुलाम अली, मनोज तिवारी, दिलेर मेहंदी, मीका सिंह, अनूप जलोटा जैसे प्रसिद्ध कलाकारों ने प्रस्तुति दी है।
वडाली ब्रदर्स, सबरी ब्रदर्स की कव्वालियों और राहत इंदौरी, मुनव्वर राणा, वसीम बरेलवी जैसे शायरों के मुशायरे इस महोत्सव की पहचान रहे हैं। हालांकि बीते कुछ वर्षों में बड़े कलाकारों की अनुपस्थिति से आयोजन का प्रभाव फीका पड़ा, जिससे श्रद्धालु व सांस्कृतिक प्रेमी निराश हैं।
इसी क्रम में नगर पंचायत देवा के पूर्व सभासद रमाशंकर शुक्ला, सत्यम सिंह और राजकमल निगम ने भी मांग की है कि शताब्दी वर्ष के अवसर पर देवा महोत्सव को राज्य स्तरीय सांस्कृतिक आयोजन के रूप में आयोजित किया जाए। अधिकारियों द्वारा दिए गए बेहतर आयोजन के आश्वासन से लोगों में एक बार फिर उम्मीद जगी है कि देवा मेला अपनी पुरानी शान और भव्यता के साथ लौटेगा।
देवा महोत्सव के 10 दिनों के दौरान पंजाबी, हरियाणवी, भोजपुरी, बुंदेलखंडी, अवधी, उर्दू, अरबी, राजस्थानी सहित देशभर की विविध भाषाओं व संस्कृतियों से जुड़े श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। ऐसे में यहां के ऐतिहासिक ऑडिटोरियम में बहुभाषी और बहुविधाओं के कार्यक्रम कराए जाने की मांग ज़ोर पकड़ रही है।