

बाराबंकी में पर्यावरण संरक्षण को नवजात के जन्म से जोड़ने की अनूठी पहल शुरू की गई है। जिला महिला चिकित्सालय में ‘संतान जन्म के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान 2025’ का शुभारंभ हुआ।
बाराबंकी में वृक्षारोपण अभियान
Barabanki: बाराबंकी में पर्यावरण संरक्षण को नवजात के जन्म से जोड़ने की अनूठी पहल शुरू की गई है। जिला महिला चिकित्सालय में 'संतान जन्म के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान 2025' का शुभारंभ हुआ। यह अभियान 1 से 7 जुलाई तक जनपद के सभी सरकारी अस्पतालों में चलेगा। इस दौरान जन्म लेने वाले हर नवजात के परिजनों को सागौन का पौधा और ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जिलापंचायत अध्यक्षा राजरानी रावत और जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने अभियान का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के पहले दिन 9 नवजात शिशुओं के परिजनों को सागौन के पौधे और प्रमाण पत्र दिए गए।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कहा कि यह पौधा नवजात के लिए एक फिक्स्ड डिपॉजिट की भांति है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा, यह पौधा भी बढ़ेगा और पर्यावरणीय संतुलन, भावनात्मक जुड़ाव और भविष्य में एक आर्थिक संभावना के रूप में खड़ा रहेगा। उन्होंने इस अभिनव सोच के लिए वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा यह पहल बाराबंकी को हरित जनपद के रूप में नई पहचान दिलाने में सहायक होगी।
जिलापंचायत अध्यक्षा ने इस पहल को नवजीवन और प्रकृति के बीच सेतु बताया। उन्होंने परिजनों से अपील की कि वे पौधे की देखभाल बच्चे जैसी ही करें। जिलाधिकारी त्रिपाठी ने कहा कि यह पौधा बच्चे के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह है। बच्चे के साथ-साथ पौधा भी बढ़ेगा। यह पर्यावरण संतुलन में योगदान के साथ भविष्य में आर्थिक लाभ भी देगा। प्रभागीय वनाधिकारी आकाश बधावन ने बताया कि ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट में बच्चे का नाम, जन्म तिथि, पौधे की प्रजाति और स्थान दर्ज रहेगा। वन विभाग पौधों की देखभाल और निगरानी के लिए एक स्थायी व्यवस्था विकसित कर रहा है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय, मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अवधेश यादव, सीएमएस महिला चिकित्सालय डॉ प्रदीप, सहित स्वास्थ्य, वन एवं प्रशासनिक विभागों की टीमों की उपस्थिति रही।
प्रभागीय वनाधिकारी श्री आकाश बधावन ने इस अवसर पर अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस अभियान का मूल उद्देश्य नवजात के जन्म जैसे पवित्र अवसर को पर्यावरणीय जिम्मेदारी से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि “ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट एक प्रमाण-पत्र होगा जिसमें नवजात शिशु का नाम, जन्म तिथि, पौधे की प्रजाति व स्थान अंकित रहेगा।