

बाराबंकी में बदमाशों के हौसले कितने बुलंद है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, जिस तरह से मनरेगा योजना के अंतर्गत लगाए गए 131 पेड़ों को चोरी किया गया वो अपने आप में हैरान करने वाला है।
कोतवाली असंद्रा (फाइल फोटो)
Barabanki: बाराबंकी में मनरेगा योजना के अंतर्गत लगाए गए 131 पेड़ों को चोरी छुपे काट कर 7 लाख रुपए में बेच दिया गया। जब लेखपाल को सूचना मिली तो लेखपाल मौके पर पहुंचे और पूरे मामले में जांच की। जांच के बाद मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
असंद्रा कोतवाली क्षेत्र में बारह साल पूर्व मनरेगा योजना के तहत लगे हरे भरे 131 पेड़ों को मत्स्य पालक ने अपने भाई के साथ मिलकर काट डाला। यही नहीं सात लाख रुपये में इनका सौदा भी कर दिया। लेखपाल के निरीक्षण में मामला सामने आया, पुलिस में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार थाना क्षेत्र के ग्राम पलौली में राजस्व अभिलेखों में तालाब के रूप में दर्ज जमीन पर मनरेगा योजना के तहत वर्ष 2012-13 में लगभग 300 पौधे लगवाए गए थे। इस गाटा पर शिवकुमार पुत्र मैकू निवासी महुआगढ़ मजरा भेड़िया को मत्स्य पालन के लिए आवंटन मिला था। आरोप है कि शिवकुमार व उसके भाई रामकरन ने सोमवार की सुबह जमीन पर लगे आम, यूकेलिप्टस और शिवबबूल के कुल 131 पेड़ों को काट डाला।
इनमें आम के 98, यूकेलिप्टस के 32 और शिवबबूल का एक पेड़ शामिल है। कटान के बाद दो पिकअप गाड़ियों में लकड़ियाँ भरने की तैयारी की जा रही थी, वहीं कई पेड़ जमीन पर गिरे पड़े थे जिनकी मोटाई लगभग एक फुट रही। बताया जा रहा है कि इन पेड़ों को ठेकेदार रामसेवक निवासी कमलडीहा को 7 लाख रुपये में बेच दिया गया।
सूचना मिलने पर मौके पर पहुँचे क्षेत्रीय लेखपाल रामनरेश व चकबंदी लेखपाल वीरेन्द्र कुमार ने जांच कर कटे हुए पेड़ों को ग्राम प्रधान की सुपुर्दगी में दे दिया। लेखपालों की तहरीर पर कोतवाली असन्द्रा पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
बाराबंकी में बदमाशों के हौसले कितने बुलंद है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, जिस तरह से मनरेगा योजना के अंतर्गत लगाए गए 131 पेड़ों को चोरी किया गया वो अपने आप में हैरान करने वाला है। बड़ा सवाल यह भी है क्यों सरकार इनकी देखरेख और सुरक्षा के लिए किसी कर्मचारी को तैनात नहीं कराया मामला का खुलासा तब हुआ जब लेखपाल खुद मामले की तहरीर दर्ज कराने पहुंचे।