

बाराबंकी में 18 वर्ष पुराने प्रधानी और कोटे के विवाद में हत्या और बलवा मामले में कोर्ट का अब फैसला आया है। कोर्ट ने इस मामले में 12 अभियुक्तों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
बाराबंकी जिला न्यायालय
बाराबंकी: जनपद में 18 वर्ष पुराने प्रधानी और कोटे के विवाद में हत्या और बलवा मामले में कोर्ट का अब फैसला आया है। कोर्ट ने इस मामले में 12 अभियुक्तों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
ग्राम प्रधानी व कोटे की रंजिश में हत्या और बलवा के 18 वर्ष पुराने मामले में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट वीना नारायन की कोर्ट ने 12 अभियुक्तों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रत्येक पर 1.18 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। दूसरे पक्ष के भी पांच अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष की कैद व 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पटरंगा थाना क्षेत्र के सरैठा निवासी कृष्ण मगन ने मुकदमा दर्ज कराया था कि ग्राम प्रधान चुने जाने से गांव के ही अजय सिंह व अन्य उनसे नाराज रहते थे। गांव का कोटा निरस्त हो जाने के कारण कोटेदार राम प्रसाद भी उनसे रंजिश रखते थे। चार मार्च 2007 की शाम को वह शिवनगर चौराहे पर मंसाराम के साथ चाय पीने गए थे। इसी बीच अजय सिंह व सहजराम से उनकी कहासुनी हो गई। थोड़ी देर बाद अजय सिंह व राम प्रसाद अपने समर्थकों के साथ आए और परिजनों पर हमला कर दिया। इससे चेतराम, सुंदरलाल, दरबारी, राम सिंह, लालाराम, मिलन व ननकू गंभीर रूप से घायल हुए। घायल चेतराम की रुदौली अस्पताल में मौत हो गई।
कोर्ट ने अजय सिंह, जगन्नाथ सिंह, विनोद सिंह, कृष्ण मगन सिंह, सहज राम सिंह, करुणा शंकर सिंह, संजय मिश्रा, साहब बक्स सिंह, मुन्ना सिंह, मुकुट सिंह, प्रमोद कुमार सिंह व राकेश कुमार तिवारी को हत्या, हत्या का प्रयास, आगजनी व दलित उत्पीड़न और बलवा की धाराओं में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी उमेश्वर प्रताप सिंह, भैरव बक्श सिंह और शंकर बक्श सिंह को दोष मुक्त कर दिया। वहीं, दूसरे पक्ष से जुड़े राम सिंह, मंसाराम, अमरेश कुमार, ननकू व सरबजीत को मारपीट व गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में दोषी मानते हुए अलग से सजा सुनाई। इस पक्ष के पांच लोगों की वाद की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है।
सजा होते ही आरोपियों और उनके परिजनों में खलबली मच गई। सजा को लेकर पूरे क्षेत्र में तरह तरह की चर्चा है।