

बाराबंकी के तासीपुर गांव में पंचायत सचिव की गैरहाजिरी ने भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर चल रहे विवाद को और बढ़ा दिया। जांच में सहयोग न मिलने से नाराज ग्रामीणों ने ब्लॉक पर धरना दे दिया। एसडीएम के आश्वासन पर धरना खत्म हुआ।
पंचायत में भ्रष्टाचार के आरोप के बाद बवाल
Barabanki: बाराबंकी जिले के दरियाबाद ब्लॉक के तासीपुर गांव में पंचायत विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का मामला गरमा गया है। गांव निवासी अनुज श्रीवास्तव द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप के बाद प्रशासन हरकत में आया, लेकिन जांच के दौरान पंचायत सचिव की गैरहाजिरी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर ब्लॉक कार्यालय पर धरना दे दिया, जो रात भर जारी रहा।
तासीपुर गांव निवासी अनुज श्रीवास्तव ने ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए डीएम कार्यालय और अन्य संबंधित विभागों में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) नितेश भोंडेले ने स्वयं गांव पहुंचकर स्थलीय जांच करने का निर्णय लिया।
जब डीपीआरओ नितेश भोंडेले जांच के लिए तासीपुर पहुंचे, तो ग्राम पंचायत सचिव पत्रावली और जरूरी दस्तावेजों के साथ मौके से गायब पाया गया। सचिव की यह लापरवाही देखकर डीपीआरओ ने नाराजगी जाहिर की और कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट किया कि शासन की योजनाओं में इस तरह की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सचिव की अनुपस्थिति और प्रशासनिक उदासीनता से नाराज होकर ग्रामवासी और स्थानीय कार्यकर्ता ब्लॉक कार्यालय पहुंच गए और वहां धरने पर बैठ गए। उन्होंने पंचायत प्रधान के अधिकार सीज करने और सचिव को तत्काल निलंबित करने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की और शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।
धरना रात भर चलता रहा। बीच-बीच में अधिकारियों द्वारा मान-मनौव्वल की कोशिशें की गई, लेकिन कार्यकर्ता अपनी मांगों पर अड़े रहे। एसडीएम सिरौलीगौसपुर प्रीति सिंह ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ही प्रदर्शनकारी धरना समाप्त करने को राजी हुए।
इस पूरे घटनाक्रम पर बीडीओ मोनिका पाठक ने मीडिया को बताया कि ग्रामवासियों का धरना अब समाप्त हो चुका है। सभी की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए जांच आगे बढ़ाई जाएगी। वहीं डीपीआरओ नितेश भोंडेले ने भी कहा कि सचिव की भूमिका संदिग्ध है और यदि जांच में लापरवाही पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई तय है।