

शनिवार शाम करीब 8 बजे पुलिस को सूचना मिली कि बलराम ठाकुर अपने तीन साथियों के साथ कार में वेव सिटी थाना क्षेत्र में घूम रहा है। क्राइम ब्रांच की टीम ने घेराबंदी की तो बदमाशों ने करीब 10 राउंड फायरिंग की, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने 15 राउंड गोली चलाई, जिसमें बलराम मारा गया
अनिल दुजाना गैंग का लीडर कुख्यात बलराम ठाकुर एनकाउंटर में ढेर
Ghaziabad: दिल्ली-एनसीआर और वेस्ट यूपी में 28 वर्षों तक आतंक का पर्याय बने गैंगस्टर बलराम ठाकुर का खौफ शनिवार रात खत्म हो गया। गाजियाबाद पुलिस ने उसे वेव सिटी थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। बलराम पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़ और रामपुर में 34 से अधिक संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। जिनमें हत्या, रंगदारी, अपहरण और लूट शामिल हैं।
बलराम ठाकुर बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद के माया जाट गांव का रहने वाला था। उसका जन्म एक संपन्न किसान परिवार में हुआ था। पिता श्याम सिंह के पास 48 बीघा जमीन थी। 1995 में बलराम की शादी बुलंदशहर के खुदारिया गांव की एक लड़की से हुई, लेकिन महज 5 महीने बाद पत्नी ने उस पर दहेज उत्पीड़न और मारपीट का केस दर्ज कर दिया। इसके बाद पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गई।
साले की हत्या से अपराध की दुनिया में कदम
सन 1997 में बलराम ने अपने साले रामवीर की हत्या कर दी, जिससे उसका अपराधों की दुनिया में प्रवेश हुआ। जेल से छूटने के बाद वह दुजाना गैंग में शामिल हो गया और धीरे-धीरे अपराध की जड़ों को और गहराई तक फैला दिया।
बलराम की हरकतों से परेशान होकर उसके पिता श्याम सिंह ने सारी जमीन बेच दी और मां शर्मवीरी ने उससे मुंह मोड़ लिया। पिता का 2019 में निधन हो गया। बलराम के छोटे भाई नीरज अब ट्रक और कार चलाकर घर चला रहे हैं। बलराम के नाम न अब जमीन है, न संपत्ति। सिर्फ 60 गज का एक पुराना मकान बचा है, जिसमें उसकी मां और भाई रहते हैं।
मई 2023 में दुजाना गैंग के मुखिया अनिल दुजाना के एनकाउंटर के बाद बलराम ने गैंग की कमान संभाली। उसने नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में व्यापारियों से रंगदारी वसूली, अपहरण और हत्याएं कीं। जुलाई में मसूरी के एक ट्रांसपोर्टर को अगवा कर दुजाना गांव में बंधक बनाकर लाखों रुपये और सोना वसूला गया था।
2015 में बलराम ने जेल में रहते हुए जेल सिपाही गोपाल की सुपारी देकर हत्या कराई थी। गैंग ने 2010 में गाजियाबाद के कविनगर में पेट्रोल पंप लूटा, मोहननगर में व्यापारी का अपहरण किया और मेरठ में लालकुर्ती इलाके में एक व्यापारी की हत्या की। 2015 में नोएडा में दो सिपाही नितिन वर्मा और राजकुमार शर्मा की हत्या भी बलराम के इशारे पर की गई थी।
शनिवार शाम करीब 8 बजे पुलिस को सूचना मिली कि बलराम ठाकुर अपने तीन साथियों के साथ कार में वेव सिटी थाना क्षेत्र में घूम रहा है। क्राइम ब्रांच की टीम ने घेराबंदी की तो बदमाशों ने करीब 10 राउंड फायरिंग की, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने 15 राउंड गोली चलाई, जिसमें बलराम मारा गया। उसके तीन साथी मौके से फरार हो गए। यह कार्रवाई एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह, स्वाट प्रभारी अनिल राजपूत और उनकी टीम ने अंजाम दी। मौके पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी भी पहुंचे।