

बहराइच में राजस्व वादों के समयबद्ध निस्तारण के लिए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) में समीक्षा बैठक की। पढ़े डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
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बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में डीएम की समीक्षा बैठक में राजस्व निरीक्षक और संग्रह अमीन पर गाज गिर गई। तहसील में राजस्व वादों के समयबद्ध निस्तारण नहीं होने पर जिलाधिकारी मोनिका रानी ने यह कार्रवाई की है। शुक्रवार को डीएम तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) में राजस्व के वादों की समीक्षा करने पहुंची थी।
डाइनामाइट न्यूज़ के मुताबिक, डीएम ने लम्बित वादों की पत्रावलियों की गहन समीक्षा करते हुए पाया कि एसडीएम द्वारा पत्रावलियों की उचित समीक्षा नहीं की जा रही है। इसपर जिलाधिकारी ने उन्हें हटाने के आदेश दिये। इसके अतिरिक्त पत्रावलियों में अनावश्यक विलम्ब, भू-लेख दर्ज न किये जाने आदि पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने तहसीलदार को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ राजस्व निरीक्षक और संग्रह अमीन को जिला मुख्यालय पर सम्बद्ध कर दिया।
एसडीएम ने नहीं निपटाए लंबित वाद
उपजिाधिकारी मिहींपुरवा न्यायालय पर धारा 24 के कुल 57 वाद लम्बित पाये गये जिसमें समय-सीमा के अन्दर 40 वाद तथा समय-सीमा उपरान्त 17 वाद लम्बित है। डीएम द्वारा 01 वर्ष से अधिक 03 वर्ष से कम अवधि के लम्बित 10 पत्रावलियों का परीक्षण किया गया। इसी प्रकार तहसील मिहींपुरवा में धारा 34 के कुल 1108 वाद लम्बित पाये गये जिसमें समय-सीमा के अन्दर 1013 वाद तथा समय-सीमा उपरान्त 95 वाद लम्बित हैं।
समय से वाद निस्तारण की हिदायत
डीएम ने तहसीलदार मिहींपुरवा के न्यायालय पर लम्बित 03 वर्ष से अधिक 05 वर्ष से कम अवधि के 04 लम्बित वादो की पत्रावलियों का परीक्षण भी किया। तहसीलदार मिहींपुरवा न्यायालय पर धारा 67 के कुल 246 वाद लम्बित पाये गये जिसमें समय-सीमा के अन्दर 215 वाद तथा समय-सीमा उपरान्त 21 वाद लम्बित है। 01 वर्ष से अधिक 03 वर्ष से कम अवधि के लम्बित 21 पत्रावलियों में 07 पत्रावलियों का परीक्षण किया गया। डीएम ने निर्देशित किया कि समय-सीमा उपरान्त लम्बित समस्त पत्रावलियो का शीघ्र निस्तारण करें, कोई भी वाद समय-सीमा उपरान्त लम्बित न रहें।
समस्याओं का समय से हो समाधान
डीएम ने जनशिकायतों व समस्याओं का समयबद्ध रूप से गुणवत्तापरक निस्तारण, तहसील आने वाले फरियादियों की सुविधाओं, अभिलेखों के रख-रखाव, सुरक्षा, तहसील भवन व परिसर की साफ-सफाई इत्यादि का जायज़ा भी लिया। उन्होनें जन्म, मृत्यु, आय व जाति आदि के निर्गमन कार्य में किसी तरह की कोताही न बरतने के निर्देश भी दिये।कहा कि तहसील आने वाले सभी फरियादियों की समस्याओं का शीघ्रता के साथ गुणवत्तापरक निस्तारण किया जाय।