

परिवहन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बैंगलोर से आ रही एक प्राइवेट बस को सीज कर दिया। इसके अलावा कई अन्य अनियमितताओं के चलते बस पर 56,000 का जुर्माना भी लगाया गया।
प्राइवेट बस सीज
बहराइच: परिवहन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बैंगलोर से आ रही एक प्राइवेट बस को सीज कर दिया। एआरटीओ (प्रवर्तन) ओम प्रकाश सिंह की अगुवाई में की गई इस कार्रवाई में पाया गया कि बस में यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए अवैध रूप से अतिरिक्त सीटें लगाई गई थीं। इसके अलावा कई अन्य अनियमितताओं के चलते बस पर 56,000 का जुर्माना भी लगाया गया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, आरटीओ ओपी सिंह ने बताया कि लंबे समय से बिना अनुमति संचालित हो रही निजी बसें और डग्गामार वाहन यूपी रोडवेज को भारी नुकसान पहुँचा रहे हैं। खासकर रुपईडीहा और उसके आसपास के क्षेत्र से रोजाना बड़ी संख्या में ट्रेवलर, टैक्सी, विंगर और प्राइवेट बसें यात्रियों को मनमाना किराया लेकर पहुंचा रही हैं।
भारत आने वाली अवैध बसों में कमीशन
प्रदेश सरकार द्वारा रुपईडीहा को रोडवेज डिपो का दर्जा देकर विधिवत उद्घाटन किया गया था। लेकिन स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से डग्गामार वाहनों का संचालन बेरोकटोक जारी है। नेपाल सीमा से लगे इस कस्बे में नेपाली एजेंटों का भी नेटवर्क सक्रिय है, जो नेपाल में ही टिकट काटते हैं और भारत आने वाली अवैध बसों में कमीशन जोड़कर सवारी बुक करते हैं।
रोडवेज बसों का आदान-प्रदान
सूत्रों की मानें तो भारत-नेपाल मैत्री सेवा के नाम पर उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग और नेपाली बस सेवा संचालकों के बीच हुए एक समझौते के अनुसार 15-15 रोडवेज बसों का आदान-प्रदान तय किया गया था। लेकिन वास्तविकता यह है कि नेपाल की बसें तो रोजाना दिल्ली, हरिद्वार जैसी दूरस्थ भारतीय शहरों तक जा रही हैं, जबकि यूपी रोडवेज की मात्र 2-3 बसें ही नेपालगंज तक सीमित हैं।
रोडवेज को करोड़ों रुपये का नुकसान
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नेपाली बस स्टैंड संचालक यूपी रोडवेज की बसों में सवारियां तक नहीं चढ़ने देते, जिससे ये बसें अक्सर खाली लौट रही हैं। वहीं रुपईडीहा और नेपालगंज के बीच अवैध डग्गामार वाहनों का जाल इस कदर फैला है कि रोडवेज की सवारी बीच रास्ते में रोक ली जाती है। इससे यूपी रोडवेज को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
रोडवेज के लिए घाटे का सौदा
मां राजेश्वरी चैरिटेबल ट्रस्ट के डायरेक्टर और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता शिवपूजन सिंह ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि यह अनुबंध रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। उन्होंने मांग की कि परिवहन विभाग को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और सख्ती से डग्गामार वाहनों के संचालन पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ स्थानीय नेताओं की शह पर यह अवैध संचालन वर्षों से चल रहा है, जिससे सरकारी राजस्व को निरंतर हानि हो रही है। सीमाई क्षेत्रों में हो रही यह लापरवाही अब जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन चुकी है।