

आजमगढ़ जिले के बरदह थाना क्षेत्र में लल्लूगंज बाजार के पास तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक से अपनी मां को लेकर जा रहे जवान बेटे को टक्कर मारी, जिससे महिला की मौत हो गई, जबकि बेटा घायल है। मृतक महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्री थी और हादसे के समय अपने ननिहाल जा रही थी।
आजमगढ़ में सड़क हादसे में महिला की मौत
Azamgarh: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां बरदह थाना क्षेत्र के लल्लूगंज बाजार में बुधवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक महिला की जान चली गई। हादसा उस समय हुआ जब तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार महिला और उसके बेटे को जोरदार टक्कर मारी।
बता दें कि इस दुर्घटना में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे इलाज के लिए पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। महिला का बेटा भी घायल हुआ, जो कि सेना के अग्निवीर में जवान है और इस समय घर आया था।
गुरुवार की रात गंभीर होने के कारण महिला की मौत हो गई। महिला की पहचान इंदिरा तिवारी (उम्र 48 वर्ष) के रूप में हुई, जो दीदारगंज थाना क्षेत्र के सुरहन गांव की रहने वाली थीं और आंगनबाड़ी कार्यकत्री थीं। महिला का बेटा नवीन तिवारी (24) भी घायल है और इलाज चल रहा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नवीन तिवारी सेना में अग्निवीर जवान हैं और करीब 10 दिन पहले ही अपने घर आए थे। वे अपनी मां के साथ ननिहाल जा रहे थे, जब यह दुर्घटना घटी।
दुर्घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, लेकिन महिला की हालत गंभीर होने के कारण उसे वाराणसी के हायर सेंटर रेफर किया गया। वहीं, महिला की मौत की सूचना मिलने पर परिवार में कोहराम मच गया।
घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। ट्रक चालक की गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया है। यह हादसा परिवार के लिए एक बड़ा शोक का कारण बन गया है।
यह सड़क हादसा एक बड़े शोक का कारण बना है और परिवार इस अपूर्णीय क्षति से जूझ रहा है। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए इस हादसे ने यह भी साबित किया कि सड़क सुरक्षा की दिशा में और सुधार की जरूरत है। ट्रक की तेज रफ्तार ने इस दुर्घटना को और भी भयावह बना दिया, और इसने एक परिवार को हमेशा के लिए खो दिया।
कुल मिलाकर यह हादसा सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। परिवार को इस कठिन समय में सहारा देने के लिए क्षेत्रीय लोग आगे आ रहे हैं, लेकिन इस दुःख की घड़ी में कोई भी शब्द महिला के परिवार के दुःख को कम नहीं कर सकता।