खून के बदले रिश्वत: टीम शिवाजी बनी गरीब की आवाज़, जानिए कैसे मिला इंसाफ

अलीगढ़ के मलखान सिंह जिला अस्पताल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 17 June 2025, 2:15 PM IST
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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के मलखान सिंह जिला अस्पताल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक गरीब मजदूर से उसकी गर्भवती पत्नी के इलाज के नाम पर खून के लिए 3000 रुपये की अवैध वसूली की गई। इस अमानवीय और अवैध कृत्य का खुलासा तब हुआ जब इस घटना की जानकारी "टीम शिवाजी" को हुई। मामले को गंभीरता से लेते हुए टीम ने पीड़ित की मदद की और उसे न्याय दिलाया।

क्या है पूरा मामला

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सूरज नाम के पीड़ित ने बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। उसकी पत्नी गर्भवती थी और उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को खून की जरूरत है। जब सूरज खून का इंतजाम करने मलखान सिंह अस्पताल पहुंचा तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि खून के बदले खून देना पड़ेगा।

खून चाहिए तो पैसे दो

जब सूरज ने अपनी मजबूरी जाहिर की और बताया कि वह डोनर नहीं ला सकता तो कर्मचारियों ने उससे साफ कह दिया कि खून चाहिए तो 3000 रुपए देने होंगे। आर्थिक रूप से कमजोर सूरज ने किसी तरह पैसे जुटाए और खून लेकर वापस लौटा। लेकिन बाद में उसे पता चला कि खून के लिए पैसे लेना गैरकानूनी और गलत है।

तब किसी ने उसे "टीम शिवाजी" के प्रमुख ऋतिक शिवाजी से संपर्क करने की सलाह दी। सूरज ने ऋतिक शिवाजी से संपर्क किया और उन्हें अपनी आपबीती बताई। ऋतिक शिवाजी ने तुरंत एक्शन लिया और अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ पूरे मामले की गंभीरता को समझा, बल्कि मौके पर मौजूद अस्पताल के अधिकारियों और डॉक्टरों से बात कर कार्रवाई की मांग की।

ऐसे मिला न्याय

टीम शिवाजी के हस्तक्षेप के बाद सूरज को वह 3000 रुपए वापस कर दिए गए। इस कार्रवाई से अस्पताल प्रशासन और वहां के कर्मचारियों को भी कड़ा संदेश गया कि गरीबों के साथ अन्याय अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

टीम शिवाजी के प्रमुख ऋतिक शिवाजी ने कहा कि जैसे ही हमें यह सूचना मिली, हम तुरंत मौके पर पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की। हमारी टीम न केवल गौ सेवा बल्कि मानव सेवा को भी अपना कर्तव्य मानती है। हम भविष्य में भी ऐसे हर अन्याय के खिलाफ खड़े रहेंगे।

सूरज ने टीम शिवाजी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं एक गरीब आदमी हूं, मेहनत मजदूरी करके अपना गुजारा करता हूं। उस समय मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। जिस तरह से ऋतिक शिवाजी और उनकी टीम ने मेरा साथ दिया, मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि ऐसे फरिश्ते सभी को मिलें।

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