

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सरकारी वाहन पर 8 लाख रुपये का ओवरस्पीडिंग चालान आया है। इस मामले में उनकी प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने तंज करते हुए कहा कि समय आने पर देखेंगे, कौन सी गाड़ी किसको दी जानी है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
Lucknow: उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक और विवाद का सामना करना पड़ा है, जब उनकी सरकारी गाड़ी पर ओवरस्पीडिंग के आरोप में 8 लाख रुपये का चालान भेजा गया। यह मामला खासा चर्चित हो गया है और अब अखिलेश यादव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विवाद तब शुरू हुआ जब अखिलेश यादव की सरकारी गाड़ी को तेज गति से चलाई। यह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई और विभिन्न प्लेटफार्मों पर ट्रेंड करने लगी। इसके बाद सरकार द्वारा जारी किए गए चालान में कुल 8 लाख रुपये की राशि जमा करने की चेतावनी दी गई।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
सरकार ने हमें ऐसी गाड़ी दी है...
हालांकि, इस पूरी घटना पर अखिलेश यादव ने एक तंज कसते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। एक संवाददाता ने उनसे पूछा कि सरकारी गाड़ी पर इतनी बड़ी रकम का चालान क्यों आया? अखिलेश यादव ने जवाब दिया, "सरकार ने हमें ऐसी गाड़ी दी है, जिससे चला नहीं जा सकता। जब समय आएगा तो देखेंगे कि कौन सी गाड़ी किसको दी जाएगी।" उनका यह बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ और राजनीतिक हलकों में बहस का कारण बना।
20 हजार रुपये के चालान पर अखिलेश का तंज
इस प्रेस वार्ता के दौरान एक व्यक्ति ने अखिलेश से अपनी गाड़ी पर 20 हजार रुपये के चालान की शिकायत की। साथ ही उसने यह भी बताया कि उसकी गाड़ी के पार्ट चोरी हो गए हैं। इस पर अखिलेश ने कहा, "समय आने पर देखेंगे, कौन किसे गाड़ी देता है।" उनका यह बयान कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था क्योंकि उन्होंने न सिर्फ अपनी गाड़ी के विवाद पर बात की, बल्कि यूपी सरकार की नीति पर भी सवाल उठाए।
अखिलेश यादव ने ओम प्रकाश राजभर के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह भी कहा कि वह इस मामले पर सार्वजनिक बयान देने से बचेंगे। उनका कहना था कि अगर वह कुछ बोलते हैं तो लोग इसे राजनीतिक लाभ के रूप में देख सकते हैं। उन्होंने ओम प्रकाश राजभर से अपील की कि वह अपने बयानों में संयम रखें और उन पर सोच-समझ कर विचार करें, ताकि मामला और न बढ़े।
अखिलेश यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके छात्र संगठन, जो कभी-कभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन करते हैं, उनका उद्देश्य किसी को भी निशाना बनाना नहीं है। उनका कहना था कि इन प्रदर्शनों का मकसद शिक्षा और संस्थाओं के मानक को बनाए रखना है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि छात्र प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक अधिकारों के रूप में किए जाते हैं।