

अखिलेश यादव ने ऐसा मुद्दा उठाया, जो हजारों सालों से सबका सवाल बना हुआ है, लेकिन आज तक आवाज नहीं बन पाया। अब अखिलेश यादव ने इस विषय पर खुलकर बात की।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव
Lucknow: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सुप्रीमो और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक बड़ा मुद्दा उठाया है। अखिलेश यादव ने जातिगत भेदभाव का मुद्दा उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स (ट्विटर) पर सवाल पूछते हुए कहा, "5000 सालों से मन में बसे जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए क्या किया जाएगा? ये सवाल अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार और योगी आदित्यनाथ से पूछे हैं।
जातिगत भेदभाव क्यों?
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है, "…और 5000 सालों से मन में बसे जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए क्या किया जाएगा? " अखिलेश यादव ने इस ट्वीट के माध्यम से सवाल पूछा है कि 'जातिगत भेदभाव' को खत्म करने के लिए बदलाव क्यों नहीं हो रहे हैं?
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव
वेशभूषा और प्रतीक चिन्हों से भी हुआ जातिवाद!
अखिलेश यादव ने आगे कहा, "वस्त्र, वेशभूषा और प्रतीक चिन्हों के माध्यम से जाति-प्रदर्शन से उपजे जातिगत भेदभाव को मिटाने के लिए क्या किया जाएगा?" इस लाइन से अखिलेश यादव का साफ यह कहना है कि वेशभूषा और प्रतीक चिन्हों से जातिवाद काफी ज्यादा फैला है, लेकिन उसको रोकने के लिए क्या किया जा रहा है?
नाम से पहले जाति क्यों पूछना?
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, "किसी के मिलने पर नाम से पहले ‘जाति’ पूछने की जातिगत भेदभाव की मानसिकता को ख़त्म करने के लिए क्या किया जाएगा?" उनका कहना है कि अगर कोई भी व्यक्ति किसी का नाम पूछता है कि सबसे पहले उसकी जाति जानने की कोशिश करता है, आखिर ऐसा क्यों? कब ऐसी मानसिकता को दिमाग से निकाला जाएगा?
जातिगत भेदभाव से भरी साजिशें
सपा सुप्रीमो ने आगे लिखा, "किसी का घर धुलवाने की जातिगत भेदभाव की सोच का अंत करने के लिए क्या उपाय किया जाएगा? और किसी पर झूठे और अपमानजनक आरोप लगाकर बदनाम करने के जातिगत भेदभाव से भरी साज़िशों को समाप्त करने के लिए क्या किया जाएगा?" कुल मिलाकर अखिलेश यादव ने वो मुद्दा उठाया, जो लंबे समय से एक बड़ा समाज का दुश्मन बन गया। जातिगत भेदभाव की वजह से समाज को काफी नुकसान हो रहा है।