

महिला न्यूज एंकर और उसके परिवार ने मिलकर पत्रकार बृजेश गुप्ता की हत्या की थी। जिस चैनल में महिला काम करती थी, उसी के मालिक को अपने पिता के साथ मिलकर जान से मार डाला। अब बृजेश गुप्ता के परिजनों को 16 साल बाद इंसाफ मिला है।
पत्रकार बृजेश गुप्ता और न्यूज एंकर कनिका ग्रोवर
Kanpur: कानपुर के पत्रकार और न्यूज चैनल संचालक बृजेश गुप्ता की निर्मम हत्या के मामले में 16 साल बाद न्याय मिलने से परिवार के आंसू छलक गए। कानपुर जिला अदालत ने इस मामले में चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जबकि दो अन्य को पांच-पांच साल की सजा दी गई है। इस फैसले के बाद बृजेश के बड़े भाई प्रभात गुप्ता ने कहा कि अब उन्हें लगता है कि उनके भाई की आत्मा को शांति मिलेगी।
कब हुआ था मर्डर?
बृजेश गुप्ता, जो कानपुर के बाबूपुरवा में रहते थे, एक निजी न्यूज चैनल के संचालक थे। 13 जून 2009 की शाम लगभग साढ़े चार बजे बृजेश अपने भाई प्रभात गुप्ता से मिले थे। उस वक्त उनकी कार में न्यूज एंकर कनिका ग्रोवर, उसके भाई सन्नी और मन्नी और रिश्तेदार सुरजीत सिंह भी मौजूद थे। वह कनिका को घर छोड़ने जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद वह कभी वापस नहीं लौटे।
दर्दनाक हालत में मिली थी पत्रकार की लाश
14 जून की सुबह पुलिस को रतनलाल नगर की पानी की टंकी के पास उनकी कार मिली। जब कार का पिछला दरवाजा खोला गया तो उसमें एक बोरे में लिपटा शव पड़ा था, जिसकी पहचान बृजेश के रूप में हुई। शव की हालत बेहद दयनीय थी- दोनों हाथ मुड़े हुए थे, सिर से खून बह रहा था, एक आंख खुली और दूसरी बंद थी। उनकी रिवाल्वर और पांच अंगूठियां भी गायब थी।
महिला न्यूज एंकर भी थी हत्याकांड में शामिल
बृजेश के भाई प्रभात गुप्ता ने बताया कि कनिका के पिता राजेंद्र ग्रोवर का आपराधिक रिकॉर्ड था। वे चरस तस्करी और चोरी के मामले में जेल भी जा चुके थे। जब बृजेश को यह जानकारी मिली तो उन्होंने कनिका को अपने चैनल से निकाल दिया, जिससे कनिका और उसके परिवार वाले नाराज़ हो गए।
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शरीर पर 29 गंभीर चोटों के निशान थे
पुलिस जांच में यह पता चला कि कनिका के घर बुलाकर बृजेश पर हथौड़े और सूजे जैसे औजारों से हमला किया गया। आरोपियों को शक था कि बृजेश ने कनिका के पिता को जेल भिजवाने में भूमिका निभाई थी। हत्या से दो दिन पहले बृजेश ने अपने परिवार को बताया था कि कनिका और उसके भाई उन्हें धमका रहे हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार बृजेश के शरीर पर कुल 29 गंभीर चोटों के निशान थे। जिनमें सिर, गर्दन और चेहरे पर गहरे घाव शामिल थे। मृत्यु का कारण अत्यधिक चोटों और आंतरिक क्षति बताया गया।
16 वर्षों तक चला केस
मामला कानपुर की एडीजे-19 राकेश सिंह की अदालत में 16 वर्षों तक चला। पीड़ित पक्ष की ओर से 10 गवाह पेश किए गए। सबूतों और गवाहियों के आधार पर अदालत ने फैसला सुनाया। कनिका ग्रोवर (न्यूज एंकर), सन्नी ग्रोवर, मन्नी ग्रोवर और सुरजीत सिंह को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा दी गई। राजीव कुमार उर्फ बंटी और अलका ग्रोवर को सबूत मिटाने के आरोप में 5-5 साल की जेल की सजा सुनाई गई।
परिवार की उम्मीद नहीं टूटी
फैसले के बाद बृजेश के बड़े भाई प्रभात गुप्ता ने बताया, "मेरा छोटा भाई बृजेश एक साजिश का शिकार हुआ। मैंने 16 साल तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। आज जब कोर्ट ने फैसले में सजा सुनाई तो मुझे संतोष मिला। मुझे लगता है अब मेरे भाई की आत्मा को शांति मिलेगी।" उन्होंने आगे कहा, "हमने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। अब हमारी न्याय व्यवस्था पर विश्वास और मजबूत हुआ है। हमारा परिवार अब थोड़ा सुकून महसूस कर रहा है।"