

हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा पाए मऊ सदर से पूर्व विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी अब 5 जुलाई को होने वाले फैसले पर टिकी है।
मऊ सदर से पूर्व विधायक अब्बास अंसारी
Mau News: हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा पाए मऊ सदर से पूर्व विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी अब 5 जुलाई को होने वाले फैसले पर टिकी है। मऊ की फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-1 (एमपी/एमएलए) के जज राजीव कुमार वत्स इस दिन सजा, दंडादेश और जमानत पर अपना अंतिम निर्णय सुनाएंगे। इसी दिन यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल होगी या उन्हें ऊपरी अदालत का रुख करना पड़ेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, अब्बास अंसारी के वकील दरोगा सिंह ने बताया कि उन्होंने अदालत में विस्तार से अपना पक्ष रखा है। उनका दावा है कि इस मुकदमे में कई प्रक्रियात्मक त्रुटियां हैं — विवेचना से लेकर ट्रायल तक अनेक अनियमितताएं हुईं, जिनका अभियोजन पक्ष कोई ठोस जवाब नहीं दे सका। अब्बास की ओर से 9 जून को ऊपरी अदालत में अपील दाखिल की गई थी, जिस पर कई सुनवाइयों के बाद अब अंतिम बहस पूरी हो चुकी है।
यह मामला 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए एक विवादास्पद भाषण से जुड़ा है। मऊ कोतवाली क्षेत्र के पहाड़पुरा मैदान में एक जनसभा के दौरान अब्बास अंसारी ने चुनाव जीतने पर अधिकारियों की ट्रांसफर रोककर 'हिसाब' लेने की बात कही थी। उनके इस बयान को नफरत फैलाने वाला भाषण (Hate Speech) माना गया और तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।
मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने 6 गवाहों की गवाही कराई। लंबी बहस और जिरह के बाद 31 मई 2025 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी/एमएलए कोर्ट) डॉ. के.पी. सिंह ने अब्बास को दो साल की सजा और ₹11,000 का जुर्माना सुनाया। इस सजा के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता स्वतः रद्द कर दी गई थी।
अब अगर 5 जुलाई को कोर्ट का फैसला अब्बास अंसारी के पक्ष में आता है, तो उनकी विधायकी बहाल हो सकती है। लेकिन यदि अपील खारिज होती है, तो उन्हें हाईकोर्ट में पुनः अपील करनी होगी। वकील दरोगा सिंह को अदालत से सकारात्मक फैसले की उम्मीद है और उन्होंने भरोसा जताया है कि न्याय मिलेगा।
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