

लखीमपुर के मटहिया गांव में नई आटा चक्की के परीक्षण के दौरान जबरदस्त विस्फोट हो गया। चक्की के पत्थर 500 मीटर तक उड़े, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य, जिनमें दो बच्चे शामिल हैं, गंभीर रूप से घायल हो गए।
नई चक्की का परीक्षण बना मौत का कारण (Img- Internet)
Lakhimpur Kheri: महिया गांव में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। जहां उपदेश (45) पुत्र गजोधर ने दो दिन पहले ही एक नई आटा चक्की खरीदी थी, जिसे ट्रैक्टर में बांधकर गांव-गांव ले जाकर गेहूं पीस रहा था। गुरुवार को वह इसी चक्की को लेकर गांव में निकले थे, लेकिन कुछ ही देर में यह प्रयोग जानलेवा बन गया।
गांव की गलियों में घूमती इस नई चक्की को देखने के लिए मोहल्ले के लोग और बच्चे एकत्र हो गए थे। जब उपदेश गोदावरी के घर के बाहर गेहूं पीस रहे थे, तब चक्की दबाव सही से नहीं ले पा रही थी। गेहूं पीसने पर मोटा आटा निकल रहा था, जिससे मशीन में कुछ गड़बड़ी का संदेह हुआ।
दबाव की समस्या को हल करने के लिए उपदेश ने पास के गांव भीरा से एक मैकेनिक बुलवाया। मैकेनिक ने जैसे ही ट्रैक्टर से चक्की में तेज रेस ली, मशीन में जबरदस्त विस्फोट हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ऐसा लगा जैसे कहीं बम फटा हो।
धमाका इतना तेज था कि आसपास के कई घरों की दीवारों में दरारें आ गईं। चक्की के पत्थर 500 मीटर तक उड़कर गिरे। एक बड़ा पत्थर सीधा हरिपाल (45) पुत्र बिंद्रा के सीने में जा लगा। वह मौके पर ही गिर पड़े। उपदेश भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
स्थानीय लोगों ने तुरंत दोनों को भीरा के अस्पताल पहुंचाया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई।
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इस हादसे में प्रियांशु (7) पुत्र विनीत, विशाल (6) पुत्र मुन्नालाल और मुदित (26) पुत्र सतपाल गंभीर रूप से घायल हो गए। मुदित का इलाज पलिया में चल रहा है, जबकि दोनों बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
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शिवसागर, जो मौके पर मौजूद थे, ने बताया कि हम सब चक्की के पास खड़े थे। मिस्त्री ट्रैक्टर की रेस ले रहा था, तभी अचानक धमाका हुआ। हरिपाल को सीने में पत्थर लगा और वह गिर पड़े। कुछ देर में उपदेश की भी जान चली गई। बच्चों को भी चोटें आईं।