प्रकृति प्रेमियों के लिए खुशी की लहर! गोरखपुर का शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान 43 दिन बाद फिर खुला

गोरखपुर का शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान 43 दिन बाद दोबारा खुल गया है। बर्ड फ्लू की निगेटिव रिपोर्ट के बाद यह निर्णय लिया गया। यह कदम पर्यटन, जागरूकता और वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 8 July 2025, 11:56 AM IST
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Gorakhpur: एक लंबे इंतजार के बाद गोरखपुर के प्रकृति प्रेमियों के लिए खुशखबरी आ गई है। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान, जिसे स्थानीय लोग गोरखपुर चिड़ियाघर के नाम से जानते हैं, वो 43 दिनों की बंदी के बाद 8 जुलाई से आम जनता के लिए फिर से खोल दिया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस खबर ने न केवल स्थानीय निवासियों, बल्कि वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के चेहरों पर भी मुस्कान ला दी है। यह चिड़ियाघर, जो जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण का एक जीवंत प्रतीक है, अब फिर से अपने रंग-बिरंगे पक्षियों, दुर्लभ प्रजातियों और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ दर्शकों का स्वागत करने को तैयार है।

इस कारण किया गया था बंद

इस प्राणी उद्यान को H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) वायरस की पुष्टि के बाद एहतियातन बंद कर दिया गया था। कुछ वन्यजीवों के सैंपल में वायरस की मौजूदगी की आशंका के चलते प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव), लखनऊ के निर्देश पर इसे अनिश्चितकाल के लिए बंद किया गया था। लेकिन अब, भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान से प्राप्त दो बार की जांच रिपोर्ट में सभी सैंपल निगेटिव पाए गए हैं, जिसके बाद प्राणी उद्यान को फिर से खोलने की अनुमति मिल गई है।

रिपोर्ट्स में सभी सैंपल निगेटिव पाए गए

वहीं प्राणी उद्यान के निदेशक विकास यादव ने बताया कि 26 मई को 43 सैंपल और 22 जून को 13 सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे। 12 जून और 4 जुलाई को प्राप्त रिपोर्ट्स में सभी सैंपल निगेटिव पाए गए, जिसने प्रशासन को यह भरोसा दिलाया कि चिड़ियाघर को सुरक्षित रूप से खोला जा सकता है। यह निर्णय न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता के प्रति लोगों का ध्यान भी आकर्षित करेगा।

हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ. अनीता अग्रवाल ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “यह खबर वन्यजीव प्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। गोरखपुर चिड़ियाघर न केवल मनोरंजन का केंद्र है, बल्कि यह जैव विविधता और प्रकृति संरक्षण का एक महत्वपूर्ण मंच भी है।” उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और वन्यजीवों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें। डॉ. अग्रवाल ने वन महोत्सव जैसे आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए भी प्राणी उद्यान प्रशासन की सराहना की।

बच्चों और परिवारों के लिए आकर्षण का केंद्र

बता दें कि यह चिड़ियाघर न केवल बच्चों और परिवारों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है, बल्कि यह पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रति जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोरोना काल और अब बर्ड फ्लू जैसे संकटों को पार करते हुए यह प्राणी उद्यान एक बार फिर अपने दरवाजे खोल रहा है, जो गोरखपुर के लिए गर्व की बात है।

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