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शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया मनोज कुमार तिवारी ने राजकीय बाल गृह देवरिया का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य बाल गृह में रह रहे बच्चों की स्थिति, सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था का प्रत्यक्ष आकलन करना था
राजकीय बाल गृह की सुविधाओं का लिया जायजा
Deoria: शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया मनोज कुमार तिवारी ने राजकीय बाल गृह देवरिया का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य बाल गृह में रह रहे बच्चों की स्थिति, सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था का प्रत्यक्ष आकलन करना था। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा और व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की गई।
निरीक्षण के दौरान सचिव मनोज कुमार तिवारी ने बाल गृह में रह रहे बच्चों से सीधे संवाद किया। उन्होंने बच्चों से उनकी दिनचर्या, पढ़ाई, खान-पान और रहन-सहन के बारे में जानकारी ली। बच्चों से बातचीत कर उन्होंने यह भी जाना कि उन्हें किसी प्रकार की समस्या तो नहीं है। बच्चों से आत्मीय संवाद कर उन्होंने उनका मनोबल बढ़ाया।
सचिव द्वारा बच्चों की देखभाल व्यवस्था, पोषण की गुणवत्ता और चिकित्सा सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों से बच्चों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, पौष्टिक भोजन और दवाओं की उपलब्धता को लेकर जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान यह निर्देश दिया गया कि बच्चों के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए।
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राजकीय बाल गृह में संचालित शैक्षणिक गतिविधियों का भी निरीक्षण किया गया। सचिव ने बच्चों की पढ़ाई, पाठ्यक्रम और शिक्षण व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिया कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
निरीक्षण के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और प्रेमपूर्ण वातावरण अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए प्रशिक्षित स्टाफ और संवेदनशील व्यवहार पर जोर दिया गया।
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सचिव द्वारा राजकीय बाल गृह से संबंधित प्रपत्रों और अभिलेखों का भी गहन अवलोकन किया गया। उन्होंने रजिस्टरों की नियमित अद्यतन स्थिति, उपस्थिति पंजिका और अन्य रिकॉर्ड की जांच की तथा आवश्यक सुधार के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान बाल गृह परिसर, भंडार कक्ष और अन्य स्थानों की साफ-सफाई का जायजा लिया गया। सचिव ने परिसर की स्वच्छता बनाए रखने और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए संबंधित अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की बात कही।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराने और उन्हें रोजाना व्यायाम कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है।
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निरीक्षण के अंत में सचिव मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि राजकीय बाल गृह में रह रहे बच्चों के अधिकारों का संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी व्यवस्थाएं बाल हित में सुनिश्चित की जाएं।