

सिसवा बाजार में इस वर्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पर दुर्गा पूजा पंडाल सजाया गया है, जिसमें भारतीय सेना की शक्ति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश है। पंडाल में मां दुर्गा, श्रीलक्ष्मी-गणेश और श्रीराधा-कृष्ण की भव्य प्रतिमाएं हैं।
ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर सजा पंडाल
Maharajganj: सिसवा बाजार में इस बार दुर्गा पूजा महोत्सव एक खास थीम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आयोजित किया जा रहा है, जो देश की सैन्य शक्ति और पर्यावरण संरक्षण दोनों का प्रतीक है। यह महोत्सव न सिर्फ स्थानीय क्षेत्र और मंडल में, बल्कि पड़ोसी राज्य बिहार और नेपाल तक अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। इस वर्ष श्री बाल दुर्गा पूजा सेवा समिति ने पंडाल को 'ऑपरेशन सिंदूर' की अनूठी और देशभक्तिपूर्ण थीम पर तैयार किया गया है, जिसके निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है।
समिति ने मां दुर्गा की भक्ति के साथ-साथ भारत की सैन्य शक्ति को भी दर्शाने का प्रयास किया है। पंडाल को इस तरह सजाया जा रहा है कि यह राफेल विमान और एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की प्रतिकृतियों से सुसज्जित दिखेगा, जो पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' में दिखाई गई शक्ति का प्रतीक हैं। समिति के अध्यक्ष गंगासागर जायसवाल और संयोजक रोशन मद्धेशिया ने बताया कि 1995 में स्थापित इस समिति ने विगत वर्षों में सामाजिक जागरूकता के संदेश दिए हैं और इस बार देश की शक्ति को प्राथमिकता दी गई है।
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बता दें कि रेलवे स्टेशन रोड पर बन रहे इस विशाल पंडाल में भक्तों को तीन अलग-अलग देवी देवताओं के दर्शन मिलेंगे। पंडाल में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा के साथ श्री लक्ष्मी गणेश के दर्शन होंगे। दूसरे तल पर श्रद्धालु प्राकृतिक दृश्यों के बीच श्री राधा कृष्ण की रासलीला का अलौकिक दर्शन लाभ प्राप्त करेंगे। निकास द्वार पर गुफा से होते हुए बाहर निकलते समय, पंडाल में पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले लोगों का मार्मिक चित्रण किया गया है, जो दर्शकों को देशभक्ति की भावना से जोड़ेगा।
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इस बार के महोत्सव का एक और महत्वपूर्ण पहलू पर्यावरण संरक्षण है। समिति ने भक्तों को प्रसाद के रूप में 'देव वृक्ष' देने की योजना बनाई है, जिसके माध्यम से लोगों को वृक्षारोपण और पर्यावरण बचाने का संदेश दिया जाएगा।
पंडाल निर्माता राकेश प्रजापति ने बताया कि पिछले दो माह से निर्माण कार्य चल रहा है। इस भव्य पंडाल के निर्माण में एक हजार बांस, एक क्विंटल कांटी, रस्सी और लकड़ी के बीट का उपयोग किया गया है। मानसून के कारण थोड़ी बाधा जरूर आई, लेकिन निर्माण कार्य इस समय अंतिम चरण में है।