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गोरखपुर के खजनी क्षेत्र स्थित एक उच्च माध्यमिक विद्यालय में मध्यान्ह भोजन में कीड़े मिलने के बाद प्रधानाध्यापिका, रसोइया और सहायिका के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मारपीट और मलयुद्ध तक पहुंच गया। वीडियो वायरल होने के बाद विभागीय कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।
मंदिर बना विवाद का अखाड़ा
Gorakhpur: जनपद के खजनी क्षेत्र अंतर्गत उसवा बाबू स्थित एक उच्च माध्यमिक विद्यालय इन दिनों गंभीर विवाद को लेकर सुर्खियों में है। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले इस विद्यालय में रसोइया, प्रधानाध्यापिका और सहायिका शिक्षिका के बीच हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि मामला खुलेआम ‘अखाड़े’ में बदल गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग की कार्यशैली और विद्यालय प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस पूरे घटनाक्रम का सीधा असर विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई और मानसिक स्थिति पर पड़ता नजर आ रहा है।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को विद्यालय में मध्यान्ह भोजन के दौरान बच्चों को परोसे गए भोजन में कीड़े निकलने की शिकायत सामने आई। बच्चों ने भोजन करने से इनकार कर दिया। जब प्रधानाध्यापिका रीता आर्या ने रसोइया से इस बारे में सवाल किया तो रसोइया ने कथित तौर पर कहा कि “जो सामान मिलेगा, वही बनाऊंगी, कीड़े होंगे तो वैसे ही बनाऊंगी।” इसी बात को लेकर विवाद बढ़ गया। प्रधानाध्यापिका ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कही, जिससे नाराज होकर रसोइया और प्रधानाध्यापिका के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जो देखते ही देखते मारपीट और ‘मलयुद्ध’ में बदल गई। इस दौरान बच्चे तमाशबीन बने रहे।
प्रधानाध्यापिका रीता आर्या का आरोप
प्रधानाध्यापिका रीता आर्या का आरोप है कि उनके खिलाफ साजिश के तहत चार्ज छीनने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि रसोइया गुंजा देवी जानबूझकर खराब चावल बनाकर बच्चों को भड़काती है। मना करने पर वह विरोध करती है और पूरा स्टाफ उनके खिलाफ गोलबंद है। रीता आर्या ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रसोइया उन्हें जबरन ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाती है और बिना सूचना के धर्म प्रचार में निकल जाती है। उन्होंने दावा किया कि उनकी छवि खराब करने और नौकरी से हटवाने के लिए मलयुद्ध का वीडियो बनाकर वायरल किया गया।
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वहीं सहायक शिक्षिका श्रद्धा शुक्ला ने प्रधानाध्यापिका पर मनमानी और तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आए दिन विद्यालय में विवाद होता रहता है और पूरा स्टाफ प्रधानाध्यापिका के व्यवहार से परेशान है। श्रद्धा शुक्ला के अनुसार, भोजन में कीड़े मिलने के बाद दोनों पक्षों में जमकर हाथापाई हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व में भी मारपीट की घटना हुई थी, जिसका वीडियो वायरल हुआ था।
विद्यालय का माहौल लगातार खराब
सूत्रों की मानें तो विद्यालय में जिम्मेदारियों को लेकर लंबे समय से तनातनी चल रही थी। मंगलवार को भोजन में कीड़े निकलना बच्चों के विरोध और प्रधानाध्यापिका की आपत्ति के बाद विवाद का मुख्य कारण बना। मामला इतना बढ़ गया कि विद्यालय का अनुशासन पूरी तरह ध्वस्त हो गया। इस पूरे मामले पर खंड शिक्षा अधिकारी सावन दुबे ने घटना को बेहद निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह की घटनाएं शर्मनाक हैं। रसोइया और प्रधानाध्यापिका दोनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। कई बार समझाने के बावजूद संबंधित लोग नहीं मान रहे हैं, जिससे विद्यालय का माहौल लगातार खराब हो रहा है।
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अब बड़ा सवाल यह है कि यह विवाद सुनियोजित तरीके से वीडियो वायरल कर दबाव बनाने का प्रयास था या विभागीय लापरवाही ने हालात को यहां तक पहुंचा दिया। फिलहाल इस पूरे विवाद की सबसे बड़ी कीमत छात्र-छात्राओं को चुकानी पड़ रही है, जिनकी पढ़ाई और भविष्य इस अव्यवस्था की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है।