गोरखपुर में 18 महिला रिक्रूटों ने बीच प्रशिक्षण के दौरान छोड़ी नौकरी, जानिए क्या था कारण

गोरखपुर में महिलाओं की संख्या बढ़ाने और पुलिस बल को अधिक सशक्त बनाने के लक्ष्य के बीच एक चिंताजनक मामला सामने आया है। गोरखपुर स्थित पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय (पीटीएस) एवं पीएसी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही 18 महिला रिक्रूटों ने प्रशिक्षण के बीच ही नौकरी से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है।

Gorakhpur: महिलाओं की संख्या बढ़ाने और पुलिस बल को अधिक सशक्त बनाने के लक्ष्य के बीच एक चिंताजनक मामला सामने आया है। गोरखपुर स्थित पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय (पीटीएस) एवं पीएसी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही 18 महिला रिक्रूटों ने प्रशिक्षण के बीच ही नौकरी से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। इससे पहले पुलिस लाइन में प्रशिक्षण ले रहीं 37 रिक्रूटों ने भी सेवा से किनारा कर लिया था। इस प्रकार कुल 55 महिला प्रशिक्षु अब तक पुलिस की नौकरी छोड़ चुकी हैं, जिसने भर्ती और करियर नीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जानकारी के अनुसार इन महिला रिक्रूटों को 15 जून 2025 को नियुक्ति पत्र जारी हुआ था, जिसके बाद उन्होंने परेड, शारीरिक अभ्यास, ड्रिल, कानून व्यवस्था, आपराधिक प्रक्रिया, मानवाधिकार, महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम और अन्य मॉड्यूल के तहत प्रशिक्षण शुरू किया।

बीच प्रशिक्षण के दौरान ही कई रिक्रूटों को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, बैंकिंग सेक्टर तथा केंद्रीय सेवाओं जैसी जगहों पर बेहतर वेतन, सुविधाओं और सुरक्षा वाली नौकरियों के अवसर मिल गए। परिणाम घोषित होते ही उन्होंने अपने भविष्य और करियर उन्नति को ध्यान में रखते हुए इस्तीफा देना उचित समझा।

पुलिस अधिकारियों ने बतायी यह वजह

पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में संख्या भले ही लगातार बढ़ रही हो, पर यह नई समस्या नहीं है। हर साल बड़ी संख्या में उम्मीदवार एक साथ कई प्रतियोगी परीक्षाएं देते हैं, जिनमें चयन होने पर वे उस नौकरी को चुनते हैं जहां कार्य-परिस्थितियां, पदोन्नति की संभावनाएं और जीवन संतुलन बेहतर हो। पुलिसिंग की कठोर ड्यूटी, अनियमित समय-सारणी, जोखिम से भरपूर वातावरण और परिवार एवं निजी जीवन में असंतुलन की आशंकाओं को भी इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है।

गोरखपुर में छीना-झपटी की वारदात का खुलासा, दो स्नैचर सामान सहित गिरफ्तार

विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति भर्ती प्रक्रिया और प्रशिक्षण ढांचे में सुधार की जरूरत पर जोर देती है। यदि पुलिस सेवा को दीर्घकालिक करियर विकल्प बनाना है, तो आकर्षक वेतनमान, सुविधाएं, मनोवैज्ञानिक परामर्श, सुरक्षित कार्य माहौल, समयबद्ध पदोन्नति और परिवार-हितैषी नीतियों को लागू करना आवश्यक होगा।

गोरखपुर: धान कटाई विवाद में खूनी जंग, ट्रैक्टर चढ़ाकर जान लेने की कोशिश! पति-पत्नी गिरफ्तार

यह मामला न केवल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह बताता है कि आधुनिक युवा अब नौकरी से अधिक कैरियर और जीवन की गुणवत्ता को प्राथमिकता दे रहे हैं। सवाल यह है कि क्या पुलिस संगठन समय के साथ खुद को उन अपेक्षाओं के अनुरूप ढाल पाएगा?

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 16 November 2025, 12:53 AM IST