पंडित लड़की को 15 लाख और दलित को 10 लाख रुपये, जाति के हिसाब से तय थी धर्मांतरण की कीमत, पढ़िए झांगुर बाबा के काले कारनामे

हिंदू लड़कियों के धर्म परिवर्तन के लिए जातियों के आधार पर अलग-अलग रेट तय कर रखे थे। ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये देता था। OBC वर्ग की लड़कियों के लिए 10-12 लाख रुपये दिए जाते थे।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 6 July 2025, 1:00 PM IST
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने शनिवार को एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ झांगुर बाबा को बलरामपुर से गिरफ्तार कर लिया। झांगुर बाबा के साथ उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को भी हिरासत में लिया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बाबा पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। एटीएस ने खुलासा किया है कि इस गिरोह ने न केवल संगठित रूप से धर्मांतरण की साजिश रची, बल्कि जाति के आधार पर इसकी 'दरें' भी तय कर रखी थी।

हर तरीके की लड़की के लिए पैसे तय

जांच में सामने आया कि गिरोह ने हिंदू लड़कियों के धर्म परिवर्तन के लिए जातियों के आधार पर अलग-अलग रेट तय कर रखे थे। ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये देता था। OBC वर्ग की लड़कियों के लिए 10-12 लाख रुपये दिए जाते थे। इसके अलावा दलित लड़कियों के लिए 8-10 लाख रुपये में सौदा तय होता था। इस पूरी साजिश के पीछे विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल किया गया। जिससे न केवल धर्म परिवर्तन कराया गया बल्कि संपत्तियों की खरीद, लग्जरी गाड़ियां और शोरूम तक खरीदे गए।

ब्रेनवॉश की किताब 'शिजर-ए-तैय्यबा'

झांगुर बाबा ने 'शिजर-ए-तैय्यबा' नामक एक किताब भी प्रकाशित करवाई थी, जो इस्लामिक कट्टरपंथ फैलाने और युवाओं का ब्रेनवॉश करने के लिए प्रयोग की जाती थी। यह पुस्तक कट्टर विचारधारा और जबरन धर्म परिवर्तन को वैचारिक आधार देती थी। युवाओं को इसका पाठ पढ़ाकर उन्हें ‘गजवा-ए-हिंद’ जैसे कट्टरपंथी एजेंडे से जोड़ा जाता था।

40 विदेश यात्राएं, 100 करोड़ का लेन-देन और 40 फर्जी अकाउंट

एटीएस की जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह के सदस्य 40 बार इस्लामिक देशों की यात्राएं कर चुके हैं। 40 से अधिक बैंक खाते (स्वयं और फर्जी संस्थाओं के नाम से) संचालित कर रहे थे, इन खातों में करीब 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। इस धन से देशभर में शोरूम, बंगले और लग्जरी गाड़ियां खरीदी गई। फंडिंग का बड़ा हिस्सा विदेशी स्रोतों से आया। जिसे सीधे तौर पर भारत में गजवा-ए-हिंद जैसे खतरनाक एजेंडों के लिए इस्तेमाल किया गया।

'प्यार, पैसा और पहचान' के नाम पर धर्मांतरण

गिरोह का संचालन एक रणनीति के तहत होता था। हिंदू लड़कियों को मुस्लिम लड़कों के माध्यम से ‘प्यार’ के जाल में फंसाया जाता। इसके बाद 'पहचान' बदलने और निकाह के लिए उन्हें मजबूर किया जाता। आरोप है कि झांगुर बाबा इन लड़कों को पहले हिंदू के रूप में पेश करता, जिससे लड़कियां धोखे में आ सकें। फिर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता।

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