वेस्ट यूपी के इस गांव को क्या मिला श्राप, 45 दिनों में 12 रहस्यमयी मौतें, पढ़िए चौंकाने वाली खबर

नोएडा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गांव है, जहां पर पिछले 45 दिनों से मौत का सिलसिला चल रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 22 June 2025, 12:55 PM IST
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बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बूढ़पुर गांव में पिछले 45 दिनों में 12 ग्रामीणों की अचानक और रहस्यमयी मौतों ने सभी को चौंका दिया है। सबसे हालिया मामला 9 जून का है, जब 55 वर्षीय विनोद कुमार मॉर्निंग वॉक के दौरान अचानक सड़क पर गिर पड़े और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। उनके परिवार का कहना है कि उन्हें कोई पुरानी बीमारी नहीं थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बूढ़पुर गांव के प्रधान सचिन तोमर ने बताया कि यह सिलसिला 13 मई से शुरू हुआ। जब गांव के भीम नरेश की अचानक मौत हो गई। इसके बाद एक-एक कुल 12 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। मृतकों में ज़्यादातर की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी। कुछ की मौत हार्टअटैक से हुई और कुछ अन्य बीमारी से मरे। ग्रामीणों का दावा है कि यह महज़ संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे गांव से होकर गुजरने वाला शुगर मिल का जहरीला नाला ज़िम्मेदार है।

जहरीले नाले से ज़हर बन रहा है गांव का पानी?

गांव के बाहर बहने वाला 10 फुट चौड़ा नाला रमाला शुगर मिल से निकलता है, जिसमें वेस्टेज और केमिकल युक्त पानी बहाया जाता है। यह नाला लगभग 4 किलोमीटर लंबा है और हिंडन नदी में जाकर मिलता है। फिलहाल यह नाला कचरे, गोबर और घास से पूरी तरह अटा पड़ा है। पानी का बहाव रुक गया है, जिससे यह गंदा पानी ज़मीन में रिसकर भूजल को प्रदूषित कर रहा है।

अधिकतर लोगों को ये बीमारियां

गांव के 70 वर्षीय निवासी ओमकार सिंह कहते हैं कि पानी साफ दिखता है, लेकिन जब पीते हैं तो बीमार कर देता है। गांव में घुटनों का दर्द, सांस की तकलीफ, कैंसर और शुगर जैसी बीमारी आम हो गई है।

लेकिन बिना पोस्टमार्टम के कैसे होगा खुलासा?

पंचायत सहायक शुभम कुमार कहते है कि अब तक 7 डेथ सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। जिनमें 4 की मौत का कारण हार्टअटैक बताया गया है। बाकी को अलग-अलग बीमारियों या प्राकृतिक कारणों से मृत्यु बताया गया है। करीब 6-7 और डेथ सर्टिफिकेट बनना बाकी हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी मौत के बाद पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया, जिससे सही कारणों की पुष्टि नहीं हो सकी।

6 सदस्यीय टीम गांव में पहुंची

मीडिया रिपोर्ट्स के बाद 18 जून को CMO ने डॉक्टरों की 6 सदस्यीय टीम गांव भेजी और 19 जून को गांव में 219 लोगों की मेडिकल जांच की गई। जिसमें 30 लोग सांस की बीमारी और 6 लोग हृदय रोग से पीड़ित पाए गए। डॉक्टरों ने नाले का निरीक्षण भी किया, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि जांच केवल औपचारिकता बनकर रह गई। ग्रामीणों का आरोप है कि न तो घरों में आने वाले पानी के सैंपल लिए गए और न ही नाले के पानी की उचित जांच की गई। सिर्फ कुछ लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए जो पर्याप्त नहीं है।

जिम्मेदार कौन?

प्रधान सचिन तोमर और ग्रामीणों का कहना है कि रमाला शुगर मिल ट्रीटमेंट प्लांट की बात तो करती है, लेकिन वास्तविकता में नाले से निकलने वाला पानी काला और बदबूदार है, जो ज़मीन में जाकर गांव के जल स्रोतों को ज़हर में बदल रहा है। 20-25 सालों से नाले की कोई सफाई नहीं हुई।

इनकी हो चुकी मौत

55 वर्षीय पूर्व प्रधान राजबीर सिंह
62 वर्षीय शफीक
56 वर्षीय बिजेंद्र
55 वर्षीय रफीक
विनोद
खिलारी
प्रमोद
सतीश कुमार
पप्पी शर्मा
यशवीर उर्फ बल्लू आदि

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