BLOG: भीषण गर्मी, बारिश की मार और बाढ़ के प्रकोप के लिये मनुष्य खुद जिम्मेदार; बढ़ाएं एक कदम प्रकृति की ओर..
मैं प्रकृति का अंश हूँ, मेरा नाम वृक्ष है | वैसे आप मनुष्य अपनी इच्छानुसार मुझे पेड़-पौधे के नाम से भी पुकारने के लिये स्वतंत्र है | सदियों से मानव-जाति के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध हूँ, लेकिन आप लोगों की क्रूरता ने आज मुझे स्वयं के भीतर उत्पन्न हुये आक्रोश को प्रगट करने के लिये विवश कर दिया है |