

लालू प्रसाद ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसका पूरा विश्लेषण देखें देश के जाने-माने पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश के स्पेशल शो “The MTA Speaks” पर
लालू यादव और तेजप्रताप यादव
बिहार: बिहार में विधानसभा चुनाव की तेज होती सियासी हलचलों के बीच रविवार को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बड़ा फैसला लिया है रविवार को दोपहर 3 बजकर 9 मिनट पर किये गये उनक् एक ट्विट से बिहार की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गयी। लालू प्रसाद ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। सिर्फ यहां तक होता तो एक बारगी गनीमत होती लेकिन इससे आगे बढ़कर लालू प्रसाद ने तेज प्रताप को अपने परिवार से भी निकाल दिया। तेजप्रताप बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हैं और वर्तमान में वे राजद के हैं। लालू के इस ऐलान के बाद सियासी हलकों में तरह-तरह की अटकलें शुरु हो गयीं।
देश के जाने-माने पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने अपने स्पेशल शो "The MTA Speaks" में इसका विश्लेषण करते हुए कहा कि, कि आखिर लालू यादव ने यह कठोर फैसला क्यों लिया और तेज प्रताप यादव को क्यों परिवार से भी बेदखल कर दिया गया। साथ ही ये भी बताएंगे कि आखिर क्या है वो विवाद, जिसकी वजह से तेज प्रताप यादव इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। आज हम इस सियासी घटनाक्रम का विश्लेषण करने के साथ ये भी बाताएंगे कि इस फैसले का बिहार की राजनीति में कुछ महीने विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा। सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि लालू यादव की उस पीड़ा के बारे में, जिस कारण वे बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से निष्कासित और परिवार से बाहर करने को विवश हुए। लालू यादव ने इस निष्कासन के जरिये सोशल मीडिया मंच एक्स पर तेज प्रताप की गतिविधियों, आचरण, व्यवहार, लोकलाज, पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों पर सवाल खड़े किये, लालू यादव की नजर में तेज प्रताप यादव जीवन में जरूरी नैतिक मूल्यों का पालन नहीं कर रहे थे।
हम आगे बढ़ें इससे पहले आपको तेज प्रताप के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण बात बताते हैं तेज प्रताप यादव का जन्म 16 अप्रैल 1988 को गोपालगंज, बिहार में हुआ था। वे बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी की संतान हैं। लालू दंपत्ति को सात बेटियां है तथा दो बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी हैं। दोनों भाईयों में तेज प्रताप बड़े हैं। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे के मुताबिक तेज प्रताप ने 2010 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है। वे नवंबर 2015 से जुलाई 2017 तक नीतीश कुमार की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे।
लालू यादव ने एक्स पर लिखा “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूँ। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूँ। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है। धन्यवाद”
दरअसल, लालू यादव ने जिन परिस्थितियों में बड़े बेटे को बाहर किया है, उससे तेज प्रताप यादव सीधे कटघरे में खड़े हो जाते हैं। लालू के इस फैसले के पीछे अनुष्का यादव और तेज प्रताप की वो चर्चाएं हैं, जो हाल के दिनों में सुर्खियों में हैं। अनुष्का यादव को लेकर तेज प्रताप ने जिस नये विवाद को जन्म दिया, वह उनके निष्कासन की जड़ बनी। इस जड़ से हम आज पर्दा उठायेंगे
इस विवाद की शुरूआत शनिवार को उस समय शुरू होती है, जब तेज प्रताप यादव अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अनुष्का यादव के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हैं। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वे 12 साल से अनुष्का यादव के साथ रिलेशनशिप में हैं। इस पोस्ट के बाद अनुष्का यादव सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगी। लोग उसके बारे में सर्च करने लगे और सवाल पूछने लगे। तब लोगों को पता चला कि अनुष्का यादव कोई और नहीं बल्कि तेज प्रताप के साथ रिलेशनशिप में रहने वाली लड़की है। ठीक इसके साथ ही दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर तेज प्रताप की शादी का वीडियो तेजी से वायरल होने लगा। यानि एक तरफ तेज प्रताप के साथ अनुष्का को दूसरी तरफ तेज प्रताप की शादी वायरल होने लगी।
हालांकि मामला गरमाने के बाद तेज प्रताप ने अनुष्का के साथ अपनी तस्वीर वाली पोस्ट को डिलीट कर दिया। उन्होंने सफाई दी कि उनका अकाउंट हैक हो गया है। लेकिन इसके कुछ ही देर बाद तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव की एक-दो नहीं बल्कि कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं। किसी में अनुष्का नाक से लेकर माथे तक सिंदूर में दिख रही हैं तो किसी तस्वीर में आरजेडी की टोपी पहने और कहीं करवा चौथ पर तेज प्रताप की आरती उतारती नजर आ रही हैं। वो हर तस्वीर में तेज प्रताप यादव के साथ मंद मुस्कान के साथ नजर आ रहीं हैं। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं ये सब एआई जनरेटेड फोटोज है।
अब हम आपको बताते हैं आखिर कौन है अनुष्का यादव, जिससे अपना 12 साल पुराना प्यार सार्वजनिक करना तेज प्रताप यादव को महंगा पड़ गया। हमने अनुष्का यादव के बारे में जानकारी जुटाई लेकिन हम हर किसी की निजता का पूरा सम्मान करते हैं इसलिये हम आपको केवल इतना ही बताना चाहेंगे कि अनुष्का यादव नाम की ये लड़की पटना की रहने वाली बतायी जाती है। ये भी जानकारी सामने आई कि ऐसी चर्चा है कि अनुष्का यादव तेज प्रताप के एक बेहद करीबी दोस्त की बहन हैं और भाई पहले आरजेडी में ही था लेकिन अब वो आरजेडी से अपना नाता तोड़ चुका है और किसी अन्य पार्टी में शामिल हो चुका है।
यहां पर यह बताना सबसे महत्वपूर्ण है कि तेज प्रताप यादव का विवाह 12 मई 2018 को ऐश्वर्या राय नाम की लड़की से पारिवारिक रजामंदी के बीच हुआ था। ऐश्वर्या राय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी हैं। यह विवाह पटना के बिहार वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में धूमधाम से संपन्न हुआ था, जिसमें तब तमाम प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने शिरकत की थी। यह विवाह लंबा नहीं चल सका। महज पांच महीने बाद, नवंबर 2018 में, तेज प्रताप यादव ने पटना की पारिवारिक अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल की। ऐश्वर्या राय जब अपने ससुराल यानि लालू परिवार में थीं तब उन्होंने कई बार ससुराल वालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया, उस समय भी उनके बयानों के वीडियो सोशल मीडिया में छाये रहे। सवाल यह है कि जब तेजप्रताप 12 साल से यानि 2012 से अनुष्का नाम की लड़की के साथ रिलेशनशिप में थे तब क्यों उन्होंने ऐश्वर्या के साथ विवाह किया और बाद में उसे तलाक दिया। क्या इससे ऐश्वर्या की जिंदगी बर्बाद नहीं हुई, यह एक ऐसा सवाल है जो कभी भी तेजप्रताप की पीछा नहीं छोड़ेगा।
तेज प्रताप यादव एक ऐसे व्यक्ति की बहन के साथ 12 सालों से रिलेशनशिप में है, जो व्यक्ति आरजेडी और लालू प्रसाद के परिवार से बगावत कर चुका है। कहा ये भी जा रहा है कि अनुष्का के भाई को तेजस्वी यादव के कहने पर ही लालू ने पार्टी से निकाला, जिसके बाद उसने आरजेडी के धुर विरोधी दल से हाथ मिला लिया। ये भी बात सामने आ रही है कि तेज प्रताप को परिवार और पार्टी के लोगों ने कई बार समाझाने और अनुष्का से दूर रहने को कहा लेकिन तेज प्रतार पीछे नहीं हटे और आगे बढ़ते ही चले गये। तेज प्रताप की यह गलती पिता को नागवार गुजरी और तेज प्रताप यादव को पार्टी व परिवार से निकालने का फैसला ले लिया।
बड़े भाई को पार्टी से निकालने और परिवार से बेदखल करने के पिता लालू यादव के फैसले पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का बयान भी सामने आया है। तेजस्वी ने साफ कहा है कि ‘हम ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते, हम काम कर रहे हैं और बिहार की जनता के लिए समर्पित हैं। रही बात मेरे बड़े भाई की, तो राजनीतिक जीवन और निजी जीवन अलग-अलग हैं। उन्हें अपने निजी फैसले लेने का अधिकार है। तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि तेज प्रताप वयस्क हैं और फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। हमारी पार्टी के प्रमुख ने यह स्पष्ट कर दिया है और जब से उन्होंने ऐसा कहा है, यह उनकी भावना है। हमने ऐसी चीजों पर सवाल नहीं उठाया… वह अपने निजी जीवन में क्या कर रहे हैं, कोई भी कुछ करने से पहले नहीं पूछता। मुझे यह सब मीडिया के जरिए ही पता चला है।‘
लालू यादव द्वारा बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिये हटाने के फैसले से बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और नई तरह की चर्चाएं जोर पकडज़ने लगी। हर दल और नेता आरजेडी के इस फैसले को अपने-अपने तरीके से भुनाने की कोशिश में है। विरोधी दल इसे जहां परिवार और पार्टी में फूट बता रहे हैं, वहीं आरजेडी खेमा इसे अपने पार्टी प्रमुख का सख्त व अनुशासित फैसला बताकर जनता के बीच जाने की तैयारी कर रहा है। लालू समर्थकों और विरोधियों में बहस छिड़ गई है। हालाकि राजनीति के इतर कुछ ऐसे भी लोग है, जो इसे निजी मामला बता रहे हैं। हालांकि इसकी परिणति जो कुछ भी हो, यह मामला सियासी चर्चाओं के केंद्र में आ गया है।