

लंदन में आयोजित SXSW फेस्टिवल में अपने कीनोट भाषण के दौरान हसबिस ने एक उन्नत AI-संचालित ईमेल सिस्टम के विकास की योजना साझा की डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़िए इस खास फिचर के बारे में
CEO डेमिस हसबिस (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जहां बीमारियों के इलाज और जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर मुद्दों को सुलझाने की दिशा में उम्मीद जगा रहा है, वहीं Google DeepMind के सीईओ डेमिस हसबिस ने एक और बहुत ही व्यावहारिक और आम समस्या की ओर इशारा किया है- ईमेल इनबॉक्स का बोझ। लंदन में आयोजित SXSW फेस्टिवल में अपने मुख्य भाषण के दौरान, हसबिस ने एक उन्नत AI-संचालित ईमेल सिस्टम विकसित करने की योजना साझा की, जो डिजिटल पत्राचार को सरल और अधिक प्रभावी बनाने का वादा करता है।
हसबिस ने मंच पर यह कहा
हसबिस ने मंच से कहा, "मैं वास्तव में चाहता हूं कि अगली पीढ़ी का ईमेल सिस्टम तैयार हो। मैं अपने ईमेल से छुटकारा पाने के लिए हर महीने हजारों डॉलर खर्च करने को तैयार हूं।" उनके अनुसार, यह नया AI टूल उपयोगकर्ताओं की ओर से सामान्य ईमेल प्रबंधित करेगा, महत्वपूर्ण मेल को प्राथमिकता देगा और उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत शैली और लहजे में उत्तर भी तैयार करेगा। यह सिस्टम एक डिजिटल पर्सनल असिस्टेंट की तरह काम करेगा, जो रोजमर्रा के कामों से राहत देगा।
एआई यूजर की भाषा में जवाब देगा
डेमिस हसबिस ने कहा कि यह एआई टूल सिर्फ ईमेल मैनेजमेंट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यूजर की संवाद शैली को समझकर उसके अनुसार जवाब देगा। यह टूल खुद से सरल निर्णय भी ले सकेगा, जिससे यूजर को बार-बार हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हसबिस ने इसे यूनिवर्सल पर्सनल असिस्टेंट के तौर पर पेश किया, जो यूजर की आदतों, पसंद और कार्यशैली को समझकर बेहतर सुझाव दे सकेगा।
डिजिटल विकर्षण से भी बचाएगा एआई
अपने संबोधन में हसबिस ने यह भी कहा कि एआई न सिर्फ सहायक की भूमिका निभाएगा, बल्कि यह यूजर को टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा बनाए गए 'ध्यान खींचने वाले एल्गोरिदम' से बचाने में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा, "एआई को व्यक्ति की सेवा में लगाकर हम इसे अपने समय और मानसिक ऊर्जा की रक्षा करने वाला टूल बना सकते हैं।"
एजीआई की ओर तेजी
डेमिस हसबिस ने एआई के भविष्य, खासकर आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) की दिशा पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें लगता था कि एजीआई पर काम विश्वविद्यालयों द्वारा किया जाएगा, लेकिन अब बड़ी टेक कंपनियों ने इस क्षेत्र में तेजी से निवेश करना शुरू कर दिया है। एजीआई एक ऐसी प्रणाली होगी जो इंसानों की तरह सोच और काम कर सकेगी।
वैश्विक सहयोग की अपील
एजीआई के संभावित प्रभावों को देखते हुए हसबिस ने अमेरिका और चीन जैसे देशों से वैश्विक सुरक्षा मानकों और नैतिक दिशा-निर्देशों पर सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा, "यह तकनीक पूरी मानवता को प्रभावित करेगी, इसलिए हमें वैज्ञानिक और सुरक्षा के दृष्टिकोण से मिलकर काम करना चाहिए।"
5 से 10 साल में आ सकती है एजीआई
हसबिस का मानना है कि एजीआई अगले 5 से 10 साल में साकार हो सकती है और इसका प्रभाव औद्योगिक क्रांति जितना व्यापक हो सकता है। उन्होंने आर्थिक विशेषज्ञों और सामाजिक वैज्ञानिकों से अपील की कि वे इस बारे में सोचें कि एआई से पैदा हुई समृद्धि को समाज में समान रूप से कैसे वितरित किया जाए।