

एलन मस्क की कंपनी SpaceX द्वारा संचालित सैटेलाइट इंटरनेट प्रोजेक्ट Starlink को भारत सरकार से व्यावसायिक इंटरनेट सेवा शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। इससे देश के लाखों ग्रामीण और दूरदराज इलाकों को हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है, जहां आज भी ब्रॉडबैंड या मोबाइल नेटवर्क की सीमित उपलब्धता है।
स्टारलिंक (सोर्स-गूगल)
New Delhi: Starlink एक सैटेलाइट-बेस्ड इंटरनेट नेटवर्क है, जो पृथ्वी के लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थित हजारों छोटे उपग्रहों की मदद से इंटरनेट सेवा प्रदान करता है। पारंपरिक ब्रॉडबैंड की तुलना में यह तकनीक उन क्षेत्रों में अधिक प्रभावी है जहां बुनियादी ढांचा विकसित नहीं है।
भारत में कैसी होगी Starlink की स्पीड?
डाउनलोड स्पीड: 100–250 Mbps
अपलोड स्पीड: 20–40 Mbps
लेटेंसी (Ping): 20 से 50 मिलीसेकेंड
भारत में भी उपयोगकर्ताओं को इसी स्तर की स्पीड मिलने की संभावना है, जिससे HD स्ट्रीमिंग, वीडियो कॉलिंग, गेमिंग और ऑनलाइन क्लासेस का अनुभव बेहतर होगा।
एलन मस्क (सोर्स-गूगल)
कितनी होगी Starlink सेवा की कीमत?
Starlink की भारतीय सेवा की कीमतों की आधिकारिक घोषणा फिलहाल नहीं हुई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्राइसिंग को ध्यान में रखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके मासिक प्लान ₹2,000 से ₹5,000 के बीच हो सकते हैं। इसके अलावा, एक बार की किट लागत लगभग ₹40,000 हो सकती है।
किट में क्या मिलेगा?
सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लिए डिश एंटीना, वायरिंग, माउंटिंग उपकरण और WiFi राउटर की आवश्यकता होगी। एक बार ये उपकरण इंस्टॉल हो जाने के बाद, उपयोगकर्ताओं को केवल मासिक शुल्क का भुगतान करना होगा।
Starlink के क्या होंगे फायदे?
सीमावर्ती, पहाड़ी और दूरदराज इलाकों में भी अब तेज इंटरनेट उपलब्ध हो सकेगा। Jio और Airtel जैसे पारंपरिक नेटवर्क की अनुपस्थिति में भी सैटेलाइट इंटरनेट के माध्यम से कनेक्टिविटी संभव होगी। इससे ग्रामीण छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा का लाभ मिलेगा और टेलीमेडिसिन के ज़रिए स्वास्थ्य सुविधाएं दूरस्थ इलाकों तक पहुंचाई जा सकेंगी। यह पहल डिजिटलीकरण को बढ़ावा देगी और पंचायतों, स्कूलों तथा स्थानीय व्यवसायों को डिजिटल रूप से जोड़ने में मदद करेगी। आपदा की स्थिति में भी संचार प्रणाली बनी रहेगी, जिससे राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी।
भारत में Starlink को मिलेगी कौन-कौन से प्रतिस्पर्धा?
OneWeb (Eutelsat) एक संयुक्त प्रोजेक्ट है, जिसे भारतीय कंपनी भारती एंटरप्राइज और ब्रिटिश सरकार ने मिलकर शुरू किया है। यह परियोजना मुख्य रूप से सरकारी और कॉर्पोरेट क्लाइंट्स को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करती है। दूसरी ओर, रिलायंस जियो की नई सेवा JioSpaceFiber अभी सीमित इलाकों में ट्रायल फेज में है और इसका मुख्य फोकस दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। वहीं Hughes Communications India कई वर्षों से सरकारी और रक्षा क्षेत्रों को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान कर रही है और इस क्षेत्र में एक अनुभवी प्रदाता के रूप में जानी जाती है।