वयस्क पुरुषों के मुकाबले एनीमिया ग्रस्त महिलाओं की संख्या जानकर आप भी रहेंगे दंग, पढ़ें ये शोध रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

पुरुषों के मुकाबले 2021 में एनीमिया की शिकार महिलाओं की संख्या दोगुनी रही और यह दर महिलाओं की प्रजनन आयु के दौरान तीन गुना तक थी। यह खुलासा ‘द लांसेट हेमेटोलॉजी’ में प्रकाशित नए अनुसांधान में किया गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

लांसेट अध्ययन
लांसेट अध्ययन


नयी दिल्ली:  पुरुषों के मुकाबले 2021 में एनीमिया की शिकार महिलाओं की संख्या दोगुनी रही और यह दर महिलाओं की प्रजनन आयु के दौरान तीन गुना तक थी। यह खुलासा ‘द लांसेट हेमेटोलॉजी’ में प्रकाशित नए अनुसांधान में किया गया है।

अनुसंधान पत्र के मुताबिक वैश्विक एनीमिया के तीन दशक (1990 से 2021) तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया जिसके मुताबिक 2021 में करीब दो अरब लोग एनीमिया (खून की कमी) का शिकार थे। अध्ययन के मुताबिक पश्चिमी उप सहारा अफ्रीका क्षेत्र की 47.4 प्रतिशत आबादी, दक्षिण एशिया की 35.7 प्रतिशत आबादी, मध्य उप सहारा अफ्रीका की 35.7 प्रतिशत आबादी में एनीमिया की शिकायत थी जो सबसे अधिक है।

अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स ऐंड इवेलुएशन (आईएचएमई) और वैश्विक स्तर पर एनीमिया की वजह से स्वास्थ्य क्षेत्र में पड़ने वाले भार का अध्ययन करने वाले साझेदारों द्वारा किए गए अनुसंधान के मुताबिक पुरुषों के मुताबिक महिलाओं व बच्चों में एनीमिया से उबरने की गति धीमी रही।

अनुसंधान पत्र के वरिष्ठ लेखक निक कस्सेबौम ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि एनीमिया को लेकर वैश्विक तस्वीर में सुधार हुआ है लेकिन जब आप भूगोल, लिंग और उम्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो अब भी व्यापक असमानताएं नजर आती हैं।”

अध्ययन के मुताबिक 2021 में वैश्विक स्तर पर 17.5 प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले 31.2 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार थीं।

पुरुषों और महिलाओं की प्रजन्न उम्र के आधार पर एनीमिया की तुलना करने पर इस आयुवर्ग में केवल 11.3 प्रतिशत पुरुष इस बीमारी से ग्रस्त थे जबकि महिलाओं में यह दर 33.7 प्रतिशत थी।

अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान एनीमिया के 37 कारकों पर गौर किया। उनका कहना था कि एनीमिया का इलाज करने के समानांतर इन कारकों को दूर करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।










संबंधित समाचार