नारी शक्ति वंदन अधिनियम को जुमला बताए जाने के कारण विपक्षी दलों से खफा हो रहीं महिलाएं: कौशल किशोर

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने 2029 में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के लागू होने का भरोसा जताते हुए मंगलवार को दावा किया कि आधी आबादी को आरक्षण देने वाले इस अधिनियम को जुमला बताये जाने के कारण कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से देश की महिलाएं नाराज हो रही हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर


इंदौर (मध्यप्रदेश: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने 2029 में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के लागू होने का भरोसा जताते हुए मंगलवार को दावा किया कि आधी आबादी को आरक्षण देने वाले इस अधिनियम को जुमला बताये जाने के कारण कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से देश की महिलाएं नाराज हो रही हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक किशोर ने इंदौर में ‘इंडिया स्मार्ट सिटीज कॉन्क्लेव 2023’ की प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद कहा, ‘‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को प्रस्तावित कानून जुमला लगता है, तो लगता रहे। विपक्षी दलों की इस तरह की बयानबाजी से देश की महिलाएं नाराज हो रही हैं।’’

केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री से विपक्षी दलों के नेताओं के इस दावे पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी कि प्रस्तावित महिला आरक्षण कानून भाजपा का एक जुमला मात्र है।

किशोर ने कहा कि इस प्रस्तावित अधिनियम को लेकर देश की महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ हैं और वे संबंधित विधेयक को संसद से हरी झंडी मिलने का जश्न मना रही हैं।

उन्होंने कहा कि जनगणना और परिसीमन की प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद 2029 में ‘‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’’ लागू होगा।

अधिकारियों ने बताया कि ‘इंडिया स्मार्ट सिटीज कॉन्क्लेव 2023’ की प्रदर्शनी में 'इंडिया स्मार्ट सिटीज अवॉर्ड्स कांटेस्ट 2022' की पुरस्कार विजेता परियोजनाओं की झलक पेश की गई है।

उन्होंने बताया कि इस आयोजन के दूसरे दिन बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन परियोजनाओं से जुड़े प्रदेशों, शहरों और भागीदार संगठनों को पुरस्कृत करेंगी। इनमें आयोजन की मेजबानी कर रहा इंदौर भी शामिल है, जिसे देश के 100 स्मार्ट शहरों में सर्वश्रेष्ठ चुना गया है।

अधिकारियों ने बताया कि देश में वर्ष 2015 से शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अब तक 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत के 6,000 से अधिक काम पूरे हो चुके हैं और शेष करीब 2,000 कामों को 30 जून 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

 










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