

राज्य के 64 आईपीएस अफसरों के तबादले की सूची दो दिन पहले योगी सरकार ने जारी की लेकिन एक नाम जिसकी सबसे अधिक चर्चा है। वो है अजय पाल शर्मा का। 2012 बैच के इस आईपीएस को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं कि आखिर इसे सीएम ने क्यों हटाया? डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..
लखनऊ: नोएडा एसएसपी के अपने छोटे से कार्यकाल में 2012 बैच के आईपीएस अजय पाल शर्मा जबरदस्त विवादों में रहे। अब योगी सरकार ने उनकी छुट्टी कर दी है तो भी वे चर्चा के केन्द्र में हैं कि आखिर उनके तबादले की सबसे बड़ी वजह क्या रही?
पहला मामला
डाइनामाइट न्यूज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक अजय पाल को सीएम ने एक वीडियो कांफ्रेसिंग में जमकर लताड़ लगायी थी और कहा था यह खुद अपराधियों के कई बड़े गैंग को संरक्षण दे रहा है। उस समय सीएम ने कहा था कि मैं जांच कराऊंगा और आरोप सही मिले तो बेहद सख्त कार्रवाई करुंगा। आम तौर पर सीएम वीडियो कांफ्रेंसिग में सार्वजनिक तौर पर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नही करते। यह वाकया यह बयां करने को काफी है कि लखनऊ तक शर्मा की क्या इमेज थी।
दूसरा मामला
नोएडा की रहने वाली एक महिला पत्रकार ने बीते अगस्त महीने में दस पन्ने की शिकायती चिट्ठी यूपी के सीएम, चीफ सेक्रेटरी, प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को भेजी।
इसकी जांच उच्च स्तर पर की गयी। इसमें महिला पत्रकार ने कई सनसनीखेज आरोप अजय पाल पर लगाये हैं कि कैसे वह उसके पर्सनल जीवन को नरक बना रहा है।
शर्मा पर यह भी आरोप है कि इस महिला के पक्ष में बोलने वाले संजय कपूर नाम के आदमी पर अजय पाल ने कई फर्जी मुकदमे लाद दिये और इसकी जमकर पिटाई की।
नवंबर महीने में इसने अपने ट्विटर पर अजय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
बताया जा रहा है कि महिला इस समय लापता है। महिला कहां है? क्या आसमान खा गया या फिर इसे जमीन निगल गयी? यह रहस्यों के घेरे में हैं। यह एक ऐसा संगीन मामला है जो आने वाले दिनों में शर्मा के लिए भारी मुसीबत बनने वाला है। डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में सीबीआई जांच के लिए जल्द ही कुछ लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले हैं।
तीसरा मामला
जिस तरह नोएडा के एक पार्क में नमाज पढ़े जाने को लेकर विवाद सामने आय़ा उससे संघ के कुछ बड़े चेहरे नाराज हो गये। वे नही चाहते थे कि ऐन चुनाव से पहले इस तरह के बेवजह के विवाद सामने आये।
चौथा मामला
शर्मा पर नोएडा की तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार के भी कई संगीन आरोप लगे और तमाम की शिकायत लखनऊ तक पहुंची।
पांचवा आरोप
इस पर एनकाउंटर की आड़ में अपना सेट एजेंडा चलाने का गंभीर आरोप भी लगा कि कैसे यह चहेतों को कोर्ट में सरेंडर करवा रहा है औऱ छोटे अपराधियों के पैर में गोली मार एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बनने का झूठा ढ़ोंग रच रहा है। नोएडा की कमान संभालने के ठीक एक दिन पहले बतौर शामली एसपी नोएडा के एक बड़े अपराधिक गिरोह के दो प्रमुख सदस्यों को सरेंडर कराने का इस पर आरोप लगा। जबकि ये दोनों शामली से वांछित तक नही थे।