वर्चुअल अदालती सुनवाई से बढ़ी है कार्यक्षमता, वृहद अवसंरचना के साथ इस प्रणाली का उपयोग जरूरी

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने रविवार को कहा कि ‘वर्चुअल’ अदालती सुनवाई से कार्यक्षमता बढ़ी है और इस प्रणाली का उपयोग करना जरूरी है, जिसके लिए एक वृहद अवसंरचना तैयार की गयी है तथा सरकार ने काफी मात्रा में राशि मंजूर की है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने रविवार को कहा कि ‘वर्चुअल’ अदालती सुनवाई से कार्यक्षमता बढ़ी है और इस प्रणाली का उपयोग करना जरूरी है, जिसके लिए एक वृहद अवसंरचना तैयार की गयी है तथा सरकार ने काफी मात्रा में राशि मंजूर की है।

न्यायमूर्ति कौल ने चार दिवसीय ‘दिल्ली मध्यस्थता सप्ताहांत’ के समापन सत्र में अपने संबोधन में कहा कि जब दुनिया में कोविड-19 महामारी आयी थी, तब अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता समुदाय ‘वर्चुअल’ प्रणाली की ओर बढ़ा था तथा धीरे-धीरे ‘वर्चुअल’ या ‘हाईब्रिड’ सुनवाई की प्रणाली चलन बन जाएगी और अदालत कक्ष में शारीरिक उपस्थिति के साथ सुनवाई महज अपवाद होगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘ न्याय के पहिये को यथासंभव आगे बढ़ाते रहने के लिए हमने अदालतों में वर्चुअल सुनवाई शुरू की तथा विकाशशील देश होने के नाते भारत में अवसंरचना एवं संपर्क की समस्याएं आईं, लेकिन संबंधित पक्षों को इस व्यवस्था को सुचारू बनाने में अधिक वक्त नहीं लगा।’’

उन्होंने ‘मध्यस्थता दृष्टि 2030: भविष्य की दृष्टि’ विषय पर सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ मैं कहूंगा कि वर्चुअल प्रणाली ने कार्यक्षमता के स्तर को बढ़ाया है और आज भी मैं हाईब्रिड स्तर पर काम करता हूं, जहां मैं वकीलों को वीडियो काफ्रेंस के जरिये पेश होने की अनुमति देता हूं।’’

 










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