Varun Gandhi: क्या वरुण गांधी के लिए अमेठी में तैयार हो रही सियासी पिच? जानिए राजनीतिक विश्लेषक की राय

डीएन ब्यूरो

अगर कांग्रेस अमेठी में अपना प्रत्याशी नहीं उतारती है, तो वरुण गांधी को सपा और कांग्रेस के समर्थन के साथ चुनावी मैदान में उतरा जा सकता है।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

भाजपा सांसद वरुण गांधी
भाजपा सांसद वरुण गांधी


लखनऊ: जानकारों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी के लिए अमेठी में एक अलग ही सियासी पिच तैयारी हो रही है। कहा यही जा रहा है कि अगर वरुण गांधी को भाजपा से टिकट नहीं मिलता है, तो उनके लिए अमेठी में नए सियासी समीकरण के साथ राजनीतिक दरवाजे खोले जा सकते हैं।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार अमेठी के सियासी गलियारों में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की है कि वरुण गांधी कभी अपने पिता की लोकसभा सीट रही अमेठी में निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। इसके लिए वकायदा कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी एक कदम आगे आकर वरुण गांधी का समर्थन कर सकती हैं। 

गौरतलब है कि अमेठी लोकसभा क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने वरुण गांधी को पत्र लिख कर और मुलाकात कर चुनाव लड़ने की अपील भी की है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अभी बहुत सी लोकसभा सीटों पर  कांग्रेस, सपा, बसपा और भारतीय जनता पार्टी के पत्ते खुलने बाकी हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस वक्त पीलीभीत और अमेठी की सीट को लेकर हो रही है। 

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दरअसल अमेठी में पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे। इस बार राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसे लेकर लगातार संशय बना हुआ है। सियासी गलियारों से खबर आ रही है कि राहुल गांधी ने केरल के वायनाड से ही चुनाव लड़ने की हामी भरी है। ऐसे में अगर राहुल गांधी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ते हैं, तो यह सीट कांग्रेस किसे देगी इसे लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस अपने ही परिवार के सदस्य वरुण गांधी पर परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सियासी दांव लगा सकती है। ऐसे में वरुण गांधी अमेठी से उम्मीदवार हो सकते हैं।

राजनीतिक जानकार का कहना है कि अब देखना यह है कि क्या भारतीय जनता पार्टी वरुण गांधी को पीलीभीत से टिकट देती है या नहीं। उनका मानना है कि अगर भाजपा वरुण गांधी को पीलीभीत से टिकट नहीं देती है, तो अमेठी में उनकी दावेदारी न सिर्फ मजबूत हो सकती है, बल्कि बड़ा सियासी खेल भी हो सकते हैं। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे रामशरण सिंह कहते हैं कि वरुण का अमेठी से बहुत पुराना नाता है। खासतौर से संजय गांधी जब 1980 में यहां से लोकसभा चुनाव जीते, तो एक तस्वीर बदलने लगी थी। रामशरण कहते हैं कि राहुल गांधी की अनुपस्थिति में वरुण गांधी बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

उनका कहना है कि जिस तरह से बीते कुछ समय में वरुण गांधी ने अमेठी की जनता के लिए प्रदेश स्तर पर आवाज उठाई थी, वह उनकी अपने पिता की कर्मभूमि से सीधा नाता जोड़ती है।
 










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