यूपी में भी भारत बंद का व्यापक असर, पीएम के संसदीय क्षेत्र में उग्र प्रदर्शन, आगजनी-बाजार बंद

डीएन संवाददाता

एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में भारत बंद का उत्तर प्रदेश में भी व्यापक असर सामने आया है। विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए राज्य के कई जिलों में पहले ही धारा 144 लगा दी गयी थी लेकिन इसके बावजूद भी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया जा रहा है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट..



लखनऊ: एससी/एसटी एक्ट में सरकार द्वारा किये गये संशोधन के विरोध में किये जा रहे भारत बंद का यूपी में भी व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी उग्र विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे है। भारत बंद को लेकर यूपी के कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। गृह विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को प्रदर्शन और बंद पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद भी राज्य के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन जारी है। 

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पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इस एक्ट का जोरदार विरोध हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने वाराणसी के बीएचयू के हैदराबाद गेट के पास चक्काजाम कर आगजनी की। इसके अलावा इलाहाबाद-पटना हाईवे पर स्थित डाफी पर चक्का जाम कर जगह-जगह टायर फूंके गये और सरकार के फैसले के विरोध में जमकर नारेबाजी की गयी।

 

 

हालांकि राज्य की राजधानी लखनऊ में भारत बंद का ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। पश्चिमी यूपी समेत राज्य के कई क्षेत्रों में जमकर प्रदर्शन किये जा रहे हैं। आगरा में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की गयी। मैनपुरी में विरोध कर रहे लोगों ने ट्रेन को रोक दिया है।

 

 

भारत बंद का असर कासगंज-एटा जिले में भी देखने को मिल रहा है। यहां पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि किसी भी तरह के हालातों से निपटा जा सके। एटा में एक्ट के विरोध में राजा का रामपुर में मढिया चौराहा को सवर्णों ने जाम कर दिया। युवाओं ने बाइक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया। जिले की जैथरा मार्केट के व्यापारियों ने दुकानों को बंद करके एससी/एसटी का जमकर के विरोध प्रदर्शन किया।

सवर्ण व्यापारियों में भारत बंद को लेकर बड़ी एकजुटता देखने को मिली। कासगंज जिले में व्यापारियों ने एससी/एसटी एक्ट का विरोध करते हुए जुलूस निकाला तथा शहर की मुख्य बाजार को बंद रखा गया। 
 










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