यूपी एटीएस में भ्रष्टाचार की बात उठाने वाले इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा पर गिरी गाज, हुआ तबादला

उत्तर प्रदेश में भ्रष्ट अफसरों को काकस कितना मजबूत हो चला है इसकी एक बार फिर झलक देखने को मिली है यूपी एटीएस के जांबाज इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा के तबादले से। कुछ दिनों पहले ही उसे एटीएस दफ्तर में बुलाकर कहा गया कि बयान बदल लो नही तो नौकरी करनी मुश्किल हो जायेगी। भ्रष्ट व्यवस्था से लड़ने का जज्बा रखने वाले इस शख्स को झुकता न देख भ्रष्ट तंत्र ने महत्वहीन जगह तबादला कर मनोबल तोड़ने की नाकाम कोशिश की है। डाइनामाइट न्यूज की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 June 2018, 1:25 PM IST
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नई दिल्ली: 29 मई को यूपी एटीएस के एएसपी राजेश साहनी की मौत के बाद डाइनामाइट न्यूज़ ने अपनी इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में सबसे पहले इस बात का खुलासा किया था कि इस आत्महत्या के पीछे की कहानी के तार विभाग में मचे करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार से जुड़े हुए हैं। इसे लेकर निचले स्तर के पुलिस कर्मियों में भारी असंतोष है।

इस खबर पर मुहर लगा दी राष्ट्रपति के वीरता मेडल से पुरस्कृत एटीएस के इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने। शर्मा ने फेसबुक पर अपने दिल का गुबार निकाला और साहनी की मौत की उच्चस्तरीय जांच की वकालत करते हुए एटीएस के आईजी असीम अरुण की तानाशाही पर सवाल खड़े किये। शर्मा ने सिस्टम से तंग आकर अपने इस्तीफा का पत्र भी भेज दिया। हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नही किया गया और समझा-बुझाकर भेज दिया गया।

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इस बीच कुछ दिन पहले उसे एटीएस के दफ्तर में बुलाकर धमकाया गया और कहा गया कि एडीजी की जांच में सहयोग करो और लिखकर दे दो कि तुमने भावावेश में आकर साहनी के पक्ष में बयान दे दिया था। 

 

दिवंगत राजेश साहनी

 

भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक इस पर शर्मा ने जो जवाब दिया वह, काबिले तारीफ था, "साहब मैं आपकी किसी धमकी से डरने वाला नही, आप चाहे जो मेरा बिगाड़ लें"

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इसके बाद साहब के संरक्षक आकाओं ने शर्मा को सबक सिखाने की कोशिश में एंटी करप्शन यूनिट में स्थानांतरित कर दिया। डीजी स्तर के एक अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि आम तौर पर इसे महत्वहीन पोस्टिंग के रुप में देखा जाता है। वैसे विवाद के बाद डीजीपी मुख्यालय पहुंचे शर्मा ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था और एटीएस से अपने तबादले की गुहार लगायी थी और अब उनके तबादले की खबर सामने आयी है। 

एटीएस में जिस तरह तानाशाही और निचले स्तर के अच्छे पुलिस अफसरों का मनोबल कुचलने की कोशिश हो रही है उससे एटीएस और पुलिस के अन्य विभागों में फोर्स के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। जिसका खामियाजा आने वाले समय में देखने को मिल सकता है। 

 

लखनऊ का एटीएस दफ्तर

 

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सीबीआई जांच के नोटिफिकेशन को रोकने की पुरजोर कोशिश

नार्थ ब्लाक और साउथ ब्लाक के सूत्रों की माने तो आरोपों की जद में आये एटीएस के अफसर 'मैनेज' के 'खेल' में माहिर हैं और जिस दिन से सीएम ने सीबीआई जांच की सिफारिश दिल्ली को की है तबसे इस अफसर ने अपने सारे घोड़े खोल दिये हैं ताकि किसी भी कीमत पर सीबीआई जांच न हो। इसमें लखनऊ में बैठे इस अफसर के आकाओं के साथ-साथ दिल्ली की तैनाती वाले पुराने संबंध अपना रंग दिखा रहे हैं। 

 

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