छोटी इकाइयों की श्रेणी में आएंगे उद्यम सहायता प्रमाणपत्र वाले असंगठित सूक्ष्म उद्यम: आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि उद्यम सहायता प्रमाणपत्र के साथ असंगठित सूक्ष्म उद्यम (आईएमई) प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत कर्ज को लेकर सूक्ष्म उद्यम की श्रेणी में आएंगे।
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि उद्यम सहायता प्रमाणपत्र के साथ असंगठित सूक्ष्म उद्यम (आईएमई) प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत कर्ज को लेकर सूक्ष्म उद्यम की श्रेणी में आएंगे।
आईएमई वे उद्यम हैं जो पैन (स्थायी खाता संख्या) या माल एवं सेवा कर पहचान संख्या (जीएसटीआईएन) जैसे जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने से उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करवा पाते हैं।
इसके परिणामस्वरूप ऐसे उद्यम सरकारी योजनाओं या कार्यक्रमों का लाभ लेने में असमर्थ होते हैं।
इसके अलावा, सरकार ने आरबीआई को स्पष्ट किया है कि केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के तहत रिटर्न दाखिल करने से छूट वाले उद्यमों का कारोबार उद्यम सहायता मंच (यूएपी) के मकसद के लिये आईएमई के रूप में परिभाषित करने का एकमात्र मानदंड है।
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इसीलिए, आईएमई वे उद्यम हैं जो माल और सेवा कर व्यवस्था में शामिल नहीं हैं।
आरबीआई ने परिपत्र में कहा कि सरकार ने साफ किया है कि प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत कर्ज लाभ को लेकर उद्यम सहायता मंच पर आईएमई को जारी प्रमाणपत्र को उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र के रूप में लिया जाए।
परिपत्र में कहा गया है, ‘‘उद्यम सहायता प्रमाणपत्र के साथ आईएमई को एमएसएमई के तहत प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत कर्ज को लेकर सूक्ष्म उद्यम माना जाएगा।
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने उद्यम सहायता मंच शुरू किया है। इसका मकसद आईएमई को उद्यम सहायता प्रमाणपत्र ऑनलाइन सृजित करने की सुविधा देकर संगठित क्षेत्र का रूप देने में मदद करना है।
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मंच पर पंजीकरण मनोनीत एजेंसियों की सहायता से किया जा सकता है। ये एजेंसियां आरबीआई के नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयां हैं।