डाइनामाइट न्यूज़ की खबर के बाद बैकफुट पर आईपीएस जावीद अहमद, सरकार कार्रवाई के मूड में

मनोज टिबड़ेवाल आकाश

सीबीआई का निदेशक न बन पाने से बौखलाये यूपी कैडर के वरिष्ठ आईपीएस एस. जावीद अहमद ने जिस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी की है उसके बाद वे सिस्टम के निशाने पर आ गये हैं। घबराये जावीद ने अपनी करतूत को छिपाने की नाकाम चाल चली और अपने पोस्ट को डिलीट कर दिया है। इस मामले में बड़ी खबर ये है कि केन्द्र सरकार की तरफ से उनकी मुसीबतें बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। डाइनामाइट न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट

जावीद अहमद का रिएक्शन (बाएं), डिलीट की गयी टिप्पणी (दाएं)
जावीद अहमद का रिएक्शन (बाएं), डिलीट की गयी टिप्पणी (दाएं)


नई दिल्ली: डाइनामाइट न्यूज़ के भंडाफोड़ के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सत्ता प्रतिष्ठान में हड़कंप मच गया है कि कैसे 35 वर्ष की सर्विस का अनुभव रखने वाले एक सीनियर आईपीएस ने देश के सिस्टम पर धर्म की आड़ में हल्ला बोला।

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सीबीआई निदेशक बनने से चूके एस. जावीद अहमद (फाइल फोटो)

शनिवार को भारत सरकार ने सीबीआई के नये डायरेक्टर के नाम का ऐलान किया, इसकी सूचना लखनऊ में “IPS Officer” नाम के एक WhatsApp ग्रुप में शेयर की गयी इसके बाद निदेशक नही बन पाने वाले बिहार के मूल निवासी और यूपी कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी एस. जावीद अहमद ने बचकानी हरकत करते हुए अपने आप को “M” की आड़ में पीड़ित दिखाने की नाकाम कोशिश की।

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कल शाम 07 बजकर 02 मिनट पर जावीद अहमद ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए लिखा कि “Allah ki marzi. Bura to lagta hai par M hona gunah hai”

यह खबर सबसे पहले जब डाइनामाइट न्यूज़ पर प्रकाशित हुई तो हंगामा मच गया। जब जावीद को कोई और रास्ता नही सूझा तो  बचाव में उन्होंने अपने रिएक्शन को WhatsApp ग्रुप से डिलीट कर डाला।

रविवार की दिन होने के बावजूद नई दिल्ली के सत्ता प्रतिष्ठान में इस सीनियर आईपीएस की  “M” की आड़ में की गयी करतूत की खासी चर्चा रही। अब अंदर की खबर डाइनामाइट न्यूज़ के पास ये है कि जावीद के खिलाफ “All India service conduct rules 1968” के तहत कार्रवाई का मन बना लिया गया है। सबसे पहले इन्हें नोटिस देकर इनका पक्ष पूछा जायेगा फिर इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाये, ये तय किया जायेगा।     

पीएम नरेन्द्र मोदी, नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के बीच हुई दो दौर की बैठकों के बाद ACC ने सीबीआई निदेशक के पद पर मध्य प्रदेश कैडर के 1983 बैच के आईपीएस ऋृषि कुमार शुक्ला को नियुक्त किया।

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आईपीएस एस. जावीद अहमद की सरकारी कुंडली

अंतिम पैनल में शामिल 5 आईपीएस अफसरों के नामों में शुक्ला सबसे सीनियर और जावीद चौथे नंबर पर थे। खड़गे ने जावीद के पक्ष में जमकर बैटिंग की लेकिन अंतिम बाजी शुक्ला के हाथ लगी। 

अपने बचाव में ये कहा जावीद ने

डाइनामाइट न्यूज़ ने शनिवार को जब जावीद अहमद से उनका पक्ष पूछा कि आखिर “M” की आड़ लेने का उनका उद्देश्य क्या है? इस पर उन्होंने कहा “पता नही मैं तो नहीं जानता हूं इसके बारे में” जब उन्हें उनके नंबर …….786 के बारे में पूछा गया कि ये तो आपके नंबर और नाम Javeed Ahmad के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है तो उनका जवाब था “पता नहीं ये सब क्या है आजकल तो लोग क्लोनिंग करते हैं, मुझे नही मालूम इस बारे में” आखिर में उन्होंने यह कहा कि “I have nothing to say”

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अब ये देखना दिलचस्प होगा कि डाइनामाइट न्यूज़ की खबर के बाद बैकफुट पर आये आईपीएस जावीद अहमद अपने बचाव में भारत सरकार को और क्या तर्क देते हैं?










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