Uttar Pradesh: कानपुर में शिक्षक की हत्या के मामले में आईएसआईएस के दो आतंकवादी दोषी करार, जानिये NIA कोर्ट का पूरा फैसला

डीएन ब्यूरो

लखनऊ की विशेष एनआईए अदालत ने 2016 में कानपुर में शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला की हत्या के मामले में आईएसआईएस के आतंकवादियों-आतिफ मुजफ्फर और फैसल को दोषी करार दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

लखनऊ की विशेष एनआईए अदालत ने सुनाया फैसला
लखनऊ की विशेष एनआईए अदालत ने सुनाया फैसला


लखनऊ: लखनऊ की विशेष एनआईए अदालत ने 2016 में कानपुर में शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला की हत्या के मामले में आईएसआईएस के आतंकवादियों-- आतिफ मुजफ्फर और फैसल को दोषी करार दिया है। अदालत दोनों को आगामी 11 सितंबर को सजा सुनायेगी।

विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर शर्मा ने बताया कि विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा ने हत्या तथा अन्य आरोपों में मुजफ्फर और फैसल को सोमवार को दोषी करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों को सजा के प्रश्न पर सुनने के लिए आगामी 11 सितंबर को जेल से तलब किया गया है।

मुजफ्फर और फैसल ने अपने एक अन्य साथी सैफुल्लाह के साथ मिलकर कानपुर में सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला की 24 अक्टूबर 2016 को गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस वक्त शुक्ला स्कूल से लौट रहे थे। शुक्ला के बेटे अक्षय शुक्ला ने चकेरी थाने में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था।

शर्मा के मुताबिक बहस के दौरान एनआईए की ओर से बताया गया कि सात मार्च 2017 को भोपाल—उज्जैन ट्रेन में हुए बम विस्फोट के मामले में आरोपी आतिफ मुजफ्फर एवं दानिश को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने 14 मार्च 2017 को मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी थी।

विशेष लोक अभियोजक का कहना है कि एनआईए की जांच के दौरान मुजफ्फर ने बताया कि उसने अपने साथियों की मदद से कानपुर में रमेश बाबू शुक्ला की गोली मारकर हत्या की थी। इस मामले की विवेचना के दौरान आरोपियों के विरुद्धहत्या, हत्या की साजिश, विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम एवं आयुध अधिनियम के अंतर्गत गंभीर आरोप लगाए थे।

विवेचना के दौरान पता चला कि आरोपी आईएसआईएस आतंकी संगठन के खलीफा अबू बकर अल बगदादी के नाम की शपथ लेकर आतंकी संगठन में शामिल हुए हैं तथा वे आतंकी संगठन की विचारधारा से प्रभावित थे। वे 24 अक्टूबर 2016 को कानपुर शहर में घूम कर एक सटीक निशाने की तलाश में थे। इसी दौरान प्योंदी गांव के पास साइकिल से जाजमऊ जा रहे सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला के हाथ में कलावा और माथे पर तिलक देखकर अभियुक्तों ने उन्हें रोका और फैसल तथा सैफुल्लाह ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।

सैफुल्लाह आठ मार्च 2017 की रात ठाकुरगंज थाना क्षेत्र की हाजी कॉलोनी में आतंकवाद रोधी दस्ते से मुठभेड़ में मारा गया था।










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