

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जैसी भारी मशीनरी और आपातकालीन सेवाओं की मदद से बचाव कार्य जारी है, लेकिन समय बहुत कम है। ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है और बच्चे की हालत स्थिर बनी हुई है, हालांकि स्थिति नाजुक है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
जयपुर: राजस्थान के दौसा के कालीखाड़ गांव में सोमवार शाम को एक खेत में खेलते समय पांच वर्षीय आर्यन गलती से खुले बोरवेल में गिर गया। तब से तीन दिनों से अधिकारी फंसे हुए बच्चे को बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बच्चे को बचाने के लिए समय कम होता जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बोरवेल के पास 150 फीट गहरी सुरंग खोदने के लिए अब पाइलिंग रिग मशीन को काम पर लगाया गया है। इससे पहले, बचावकर्मियों ने समानांतर छेद खोदने के लिए कई अर्थमूवर और ट्रैक्टर तैनात किए, साथ ही छोटे बच्चे को बाहर निकालने के लिए रस्सियों और अन्य उपकरणों का भी इस्तेमाल किया। रिपोर्ट के मुताबिक, एक पाइप के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है और बच्चे की हालत स्थिर बताई जा रही है।
मंगलवार की रात को बचाव स्थल पर एक एक्ससीएमजी 180 पाइलिंग रिग भी लाया गया। बोरवेल में डाले गए कैमरे के जरिए आर्यन की हरकतों और हालत पर नजर रखी जा रही है।
राजस्थान के मंत्री ने की ये मांग
राजस्थान सरकार के मंत्री और भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ऑपरेशन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि ऐसी घटनाएं पूरे देश में होती हैं और सरकार की ओर से निर्देश तो हैं, लेकिन कोई विशेष कानून नहीं है। उन्होंने कहा, "बोरवेल को ढकने के नियमन के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए।"
हाल ही में सितंबर में दौसा के बांदीकुई इलाके में 35 फीट गहरे खुले बोरवेल से दो साल की बच्ची को बचाया गया था। बच्ची को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने 18 घंटे का बचाव अभियान चलाया था। बच्ची 28 फीट की गहराई पर फंसी हुई थी और उसे निकालने के लिए इसी तरह का बचाव अभियान शुरू किया गया था।