Rajasthan: पृथक आरक्षण के मुद्दे पर माली समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने ओबीसी आयोग के साथ की बैठक, जानिए किस बात पर बनी सहमति

डीएन ब्यूरो

माली समुदाय के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति जानने के लिए सर्वेक्षण कराने और नौकरियों व उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर सोमवार को राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग से जयपुर में मुलाकात की।

माली समुदाय को 12 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग (फ़ाइल)
माली समुदाय को 12 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग (फ़ाइल)


जयपुर: माली समुदाय के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति जानने के लिए सर्वेक्षण कराने और नौकरियों व उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर सोमवार को राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग से जयपुर में मुलाकात की।

बैठक के बाद समुदाय के नेताओं ने कहा कि उन्होंने राज्य के ओबीसी आयोग से सभी जिला कलेक्टरों को 10 दिनों में रिपोर्ट आयोग को पेश करने के लिये पत्र लिखने और एक महीने के भीतर सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। हालांकि,उन्होंने स्पष्ट किया कि भरतपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर जारी आंदोलन को वापस लेने पर फैसला प्रदर्शनकारियों से चर्चा के बाद लिया जाएगा।

इस बीच, आरक्षण की मांग को लेकर माली समाज के लोगों का आंदोलन सोमवार को लगातार 11वें दिन भी जारी रहा। समुदाय के लोगों ने जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरूद्ध कर अपना विरोध जारी रखा जबकि प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी है।

‘फुले आरक्षण संघर्ष समिति’ के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा,'हम आयोग के साथ हुई बातचीत से संतुष्ट हैं। हमने आयोग से 10 दिनों में जिला कलेक्टरों से समुदाय की स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए कहा है, जिसके लिए वे सहमत हुए हैं और फिर आयोग को एक महीने के समय में अपना सर्वेक्षण पूरा करने के लिए कहा गया है।'

उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलन की वास्तविक स्थिति से आयोग को अवगत कराया है और उनसे कहा है कि समय पर कार्रवाई बेहतर होगी क्योंकि आंदोलन से लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने दावा किया कि ‘‘आंदोलन के दौरान एक व्यक्ति पहले ही आत्महत्या कर चुका है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या आंदोलन समाप्त हो जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘‘आंदोलन वापस लेने का निर्णय समुदाय के सदस्यों के साथ चर्चा के बाद आंदोलन स्थल (भरतपुर) पर लिया जाएगा।’’

उल्लेखनीय है कि माली समुदाय में सैनी, माली, कुशवाहा, शाक्य और मौर्य आते हैं। इन समुदायों को वर्तमान में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आरक्षण प्राप्त है, लेकिन वे अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी माली समुदाय से हैं।

समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने उन्हें ओबीसी आयोग द्वारा सर्वेक्षण कराने का आश्वासन दिया था। समुदाय के सदस्यों ने भी कहा था कि सर्वेक्षण शुरू होने पर वे आंदोलन समाप्त कर देंगे।










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