Technology: अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर है टेलीकॉम इंडस्ट्री का राजस्व, पढ़ें ये जरूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

संचार उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि कृत्रिम मेधा (एआई) और परिचालन मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी नई प्रौद्योगिकियां विज्ञापन, जनसंपर्क और सामग्री निर्माण जैसे संचार क्षेत्रों को बदलकर रख देंगी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: संचार उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि कृत्रिम मेधा (एआई) और परिचालन मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी नई प्रौद्योगिकियां विज्ञापन, जनसंपर्क और सामग्री निर्माण जैसे संचार क्षेत्रों को बदलकर रख देंगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मशीन लर्निंग कंपनी मोलोको के भारत में महाप्रबंधक सिद्धार्थ झावर के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादक मेधा और मशीन लर्निंग के उपयोग के मामलों से आठ अरब डॉलर (लगभग 66,142 करोड़ रुपये) के भारतीय डिजिटल विज्ञापन उद्योग पर असर पड़ने का अनुमान है।

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झावर ने कहा, “विज्ञापनदाताओं ने लंबे समय से अपने विज्ञापनों की प्रभावशीलता पर विचार किया है, कई लोग केवल अंतर्ज्ञान पर निर्भर हैं। हालांकि, परिचालन संबंधी मशीन लर्निंग आठ अरब डॉलर के भारतीय डिजिटल विज्ञापन उद्योग में क्रांति ला सकती है, क्योंकि यह तय करने के लिए हजारों छोटे प्रयोग किए जा सकते हैं कि कौन सा विज्ञापन किस प्रकार के उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करता है।”

उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां कई भाषाएं और विविध संस्कृतियां हैं।

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गूगल ने हाल ही में विज्ञापनदाताओं और व्यवसायों के लिए अभियान वर्कफ्लो और गूगल विज्ञापनों पर लर्निंग लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) और जेनरेटिव एआई का उपयोग करके विज्ञापनों के ऑटो-जनरेशन की घोषणा की है।

गूगल में वैश्विक विज्ञापनों के उपाध्यक्ष डैन टेलर ने कहा कि मिंत्रा, सैमसंग, एचडीएफसी और टाटा एआईजी जैसी कंपनियों को उसके विज्ञापन टूल 'परफॉर्मेंस मैक्स' की मदद से 18 प्रतिशत तक वृद्धि की उम्मीद है।










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