Uttarakhand: उत्तराखंड विधानसभा के कर्मचारियों की बर्खास्तगी को सुप्रीम कोर्ट में मिलेगी चुनौती, जानिये ये अपडेट

पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को कहा कि वह उत्तराखंड विधानसभा से 200 से ज्यादा तदर्थ कर्मचारियों की बर्खास्तगी को जल्द ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 27 February 2023, 12:19 PM IST
google-preferred

हरिद्वार: पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को कहा कि वह उत्तराखंड विधानसभा से 200 से ज्यादा तदर्थ कर्मचारियों की बर्खास्तगी को जल्द ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे।

यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए स्वामी ने विधानसभा के 228 कर्मचारियों की बर्खास्तगी को संविधान के अनुच्छेद-14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया और कहा कि वह कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए जल्द ही उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।

स्वामी ने सवाल किया कि एक ही संस्थान में एक ही प्रक्रिया से नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों की वैधता पर दो अलग-अलग निर्णय कैसे लिए जा सकते हैं?

उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ लोगों की नियुक्ति को अवैध बताने के बाद भी बचाया गया जबकि कुछ लोगों की नियुक्ति को अवैध करार कर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हुए बर्खास्त भी कर दिया गया। यह कहां का न्याय है कि 2001 से 2015 की अवैध तरीके से की गयी नियुक्तियों को संरक्षण दिया जा रहा है और 2016 से वर्ष 2022 तक के कार्मिकों को सात वर्ष की सेवा के उपरांत एक पक्षीय कार्यवाही कर बर्खास्त कर दिया गया।’’

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को बहाल करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी चिट्ठी लिखी है क्योंकि उन्हें बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल करने का अधिकार है।

न्यायालय में इस मुद्दे पर सरकार के हारने का दावा करते हुए स्वामी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल नही करते तो ‘मैदान-ए-जंग का ऐलान’ है।

स्वामी ने कहा कि 228 बर्खास्त कर्मचारियों ने उन्हें पत्र लिखकर कहा है कि उनके साथ अन्याय हुआ है।

इन नियुक्तियों को 'पिछले दरवाजे’ से किए जाने के आरोपों के बीच विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने पिछले साल सितंबर में एक समिति का गठन किया था और उसकी सिफारिश के आधार पर इन तदर्थ नियुक्तियों को रद्द कर दिया था।

इन रद्द नियुक्तियों में 2016 में की गयी 150, 2020 में की गयी छह और 2021 में की गयी 72 नियुक्तियां शामिल हैं ।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली के एकल पीठ के आदेश को खारिज करते हुए नवंबर में विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को सही ठहराया था।

स्वामी ने उत्तराखंड सरकार की प्रस्तावित ‘हरकीपैड़ी कॉरिडोर परियोजना’ का भी विरोध किया और कहा कि इसके निर्माण का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि इससे यहां की नैसर्गिक सुंदरता एवं पौराणिकता पर भी असर पड़ेगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाराणसी में भी जब कॉरिडोर का निर्माण हुआ तो कई मन्दिरों को तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि यहां अच्छी सड़क है और इसके बावजूद यहां कॉरिडोर बनाया जाता है तो मैं इसका विरोध करता हूं।

Published : 
  • 27 February 2023, 12:19 PM IST

Related News

No related posts found.